सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि 15 दिसंबर को मनाई जाती है। सरदार स्वतंत्र भारत के प्रथम ग्रहमंत्री थे और नवीन भारत के निर्माता थे।  उन्हें लौहपुरुष के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न भी दिया गया।

पटेल लेकिन इस बार पुण्यतिथि पर मोदी सरकार के नेताओं और मिडिया में उनका नाम सुनने को नहीं मिला। लोक सभा चुनाव से पहले भाजपा अपने को विचारो से सरदार पटले का उत्तराधिकारी साबित कर रही थी । गुजरात मे 5  हजार करोड की लागत से प्रतिमा बना रही है।
मोदी जी का हर भाषण सरदार पटेल से शुरू होता है , उन्ही पर समाप्त होताहै ।  सत्ता मिलते ही भाजपा सरदार को इस कदर भूली कि इस महान राष्ट्रवादी नेता की पूर्णतिथि मनाने तक की याद नही रही। काग्रेस तो पहले ही भूल चुकी है, उनके नेताओ की जुबां पर भी कल सरदार पटेल का नाम नहीं आया।