इस्लाम का कवच पहन कर ............
कभी पेशावर मे मासूम बच्चों का जनसंहार तो कभी फ्रांस मे पत्रकारों का क़त्ल तो कभी इराक मे आम नागरिको के साथ वहशियाना हरकते या भारत मे शांति को भंग करने का मंसूबा एसे लोगो का , संगठन का कोई धर्म .कोई मजहब ,कोई खुदा –भगवान नहीं होता |आज आतंकवाद इस्लाम का कवच पहन कर क्यों इस्लाम को दुनिया-जहां मे बदनाम कर रहा है , क्यों चुप है दुनिया के मुस्लिम , वक्त आ चुका है कि आतंकवाद को सभी धर्मो के लोग एक साथ –एक मंच पर आकर जड़ से नेस्तनाबुत करे वरना सभलने का वक्त शायद ही मिले क्योकि अब लड़ाई आतंक और सभ्यता के बीच है। खासकर उदारवादी मुसलमानों को सोचना होगा कि तालिबान , अलकायदा , बोकोहरम , बगदादी का आईएस आईएस हो या पाकिस्तान की आई एस आई एजेंसी- जो आतंकवाद की जननी है, इस पर गहन शोध की जरुरत है कि क्यों इस्लाम की आड लेकर आतंकवादी संगठन अपने हितो को साध रहे है|