अरविन्द केजरीवाल ने भ्रष्ट नेताओ की लिस्ट ज़ारी की और कहा कि इन सभी भ्रष्टाचारियों को संसद से बहार भेजना है, लेकिन जब जनता स्वयं भ्रष्टाचार में लिप्त रहना चाहती हो और नेता ईमानदार चाहती हो, लेकिन जब जब किसी देश में सफल क्रांति और परिवर्तन हुए उसमे बुद्धिजीवी वर्ग और जनता कि भूमिका थी न कि राजनीतिज्ञों कि।