एक भारतीय मूल के निवासी 14 साल के छात्र सुवीर मीरचंदानी ने अमेरिकी सरकार के सामने एक योजना पेश की है, जिससे अमेरिकी सरकार के 1 साल में 2400 करोड़ बच सकते है। उन्होंने दावा  किया है की अगर सरकारी दस्तावेजो में गरमोंड फॉन्ट (अक्षर ) का प्रयोग किया जाए, तो सालाना करोडो रुपये बचाये जा सकते हैं।  क्योंकि गरमोंड फॉण्ट के स्ट्रोक पतले होने के कारण स्याही काम खर्च होती है। 

इस शोध को देखकर हमारी सरकार और हम लोग भी बहुत कुछ सिख सकते है, बहुत कुछ बचा सकते हैं।  अगर एक अक्षर पर ध्यान देकर करोडो रुपये बचाये जा सकते हैं तो भारत के लोग भी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान रखकर बहुत कुछ बचा सकते हैं।