कहावत है -करने वाले कर जाते है हजार मे,जैसे मछली चढ़ जाती है धार मे-कुछ इसी तरह का फलसफा काशीपुर को लेकर प्रतीत होता है क्योकि उत्तराखंड बनने के बाद काशीपुर की सभी पार्टियो के नेताओं ने इसकी अवहेलना की है |
करने वाला नेता हो या सम्बंधित अधिकारी ,उसका धयेय विकास से प्रेरित होता है ,जिस प्रकार काशीपुर के एस डी एम डॉ आशीष श्रीवास्तव ने कम समय मे काशीपुर की व्यवस्था को एक नया रंग दिया है या हर संभव कोशिश रहती है वो जनता के प्रशंसा के पात्र है | लेकिन नेता पांच साल बाद चुनावो मे क्यों दिखाई देता है | चुनावी मौसम मे काशीपुर की जनता सभी पार्टियो से अहम सवाल पूछना चाहती है जिसका निराकरण और समाधान नहीं निकला .जबकि लम्बे अरसे से सांसद और विधायक काशीपुर से है | सवाल है 

१- काशीपुर की जिला बनाने की पुरानी मांग है लेकिन बार -बार जनता की मांग को ख़ारिज क्यों किया गया |
२- अभी तक फ्लाई ओवर या बायपास की स्थायी योजना पर अमल क्यों नहीं ,स्थानीय जनता जाम से परेशान है |
३- काशीपुर का बदहाल आँखों का अर्ध सरकारी अस्पताल सीतापुर का पुनः निर्माण क्यों नहीं |
४- बाजपुर रोड पर आईआई एम के पास हैवी ट्रैफिक के बावजूद बहल्ला पुल का चौड़ी करण क्यों नहीं
५- कचहरी मे एस डी एम कोर्ट परिसर का निर्माण अभी तक नहीं
६- रजिस्ट्री ऑफिस ,तहसील ,गिरिताल और द्रोणसागर समितियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार पर नेताओं की ख़ामोशी क्यों |
७- पानी ,सफाई की कमी और डामर सड़को की जगह टाइल्स सड़को का निर्माण किस प्रकार से जायज क्यों |
८- स्ट्रीट और ट्रैफिक लाइटे सुचारू रूप से चालू क्यों नहीं और यातायात नियम व प्रबंध् पर सख्ती से पालन क्यों नहीं |
९- कौन सा नेता नियम से सरकारी अस्पताल,बिजली घर ,सिचाई और लोक निर्माण विभाग जाकर हो रहे बंदर बाट और भ्रष्टाचार को देखने गया या कितना डर नेता का ऐसे अफसरों पर है, क्योकि इन विभागों की भ्रष्ट कार्यप्रणाली बनने से पहले टूटने वाली होती है चाहे वो सड़क हो ,नाली या नहर हो |
१०- युवा ,बच्चे या बुज़ुर्ग़ के लिए स्टेडियम अहम स्थान है लेकिन इसकी दुर्दशा किसी से छिपी नहीं ,ऐसी विरासत को बनाय रखना भी काशीपुर के नेताओं के बसमे नहीं .


समस्याये सैकड़ो है ,आशाये हजार है लेकिन हमारे नेता लायक है या नालायक ,जनता को तय करना है वो अपना और काशीपुर शहर का विकाश किस तरह चाहती है | 7 मई को वोट जरूर करे