25 जून 1975 की आधी रात को इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगवाया था | लोकतंत्र के इतिहास मे पहली बार तानाशाह तरीके से लोकतंत्र का गला घोटने की साजिश की गई| इस प्रकरण मे इंदिरा गांधी , कानून के जानकार और पश्चिम बंगाल के चीफ मिनिस्टर सुबर्तो रे ,निजी सचिव धवन सहित कुछ खास लोग ही शामिल थे | आपातकाल लगाने से पहले बहुत गुप्त तरीके से राष्ट्पति को भी विश्वास   मे लिया गया ताकि राष्ट्पति आपातकाल की घोषणा करने मे आनाकानी न करे| आपातकाल के पीछे इंदिरा की राजनैतिक महत्त्वकांसा ही थी | इस दौरान सत्ता के दो केंद्र थे यानि इंदिरा और संजय | उस समय सूचना प्रसारण मंत्री इंद्र कुमार गुजराल को मीडिया पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने को कहा था जो गुजराल द्वारा ढुकरा दिया गया | तभी उनकी जगह विधा चरण शुक्ल को इसका जिम्मा दिया गया, इसके अलावा लोगो की जबरन नसबंदी करायी गई ,विपक्ष के लोगो को जेलों मे बंद किया गया |