आज अवैध खनन का कारोबार पुरे देश में खुले आम हो रहा है।  उत्तराखंड में भी जगह- जगह अवैध खनन का कारोबार खुले आम होता है, लेकिन किसी भी राजनैतिक पार्टी और उनके लाखों कार्यकर्ताओं को कुछ भी दिखाई नहीं देता। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष या अन्य सामाजिक संगठन सब अपनी आँखें मूंदे बैठे हैं जैसे उन्ही का व्यापार चल रहा हो । पुलिस वालो की तो आँखों पर पट्टी ही बंधी रहती है जैसे अँधा कानून की मूर्ती को सच साबित करने में लगे हों।  अवैध खनन को रोकना बहुत मुश्किल काम नहीं है क्योंकि यह बड़ी मात्रा  में होता है और ट्रकों को सड़क मार्ग से ही ले जाया जाता है, और अवैध खनन होने वाले स्थान  भी बहुत अधिक नहीं है जिनपर निगरानी ना रखी जा सके।  जरुरत है इच्छा शक्ति की, अवैध खनन से राज्यों को करोड़ों का नुकसान तो होता ही है, साथ में सड़कों पर हैवी ट्रकों के चलने से सड़के जल्दी ख़राब होती हैं, और आम नागरिकों को भी बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है