नीति कारगर हो, तभी मुनाफे की उम्मीद...........

पिछले कुछ समय से एयरलाइन्स घाटे का सौदा बनी हुई है, चूँकि कोंग्रेस की यू पी ए शासन में तो निजी एयरलाइंसे तो दूर सरकारी एयर इण्डिया (महाराजा) की कंपनी लगातार घाटे में चल रही थी, लेकिन बीते दिसम्बर में एयर इण्डिया ने 14 करोड़ रुपये से ज्यादा का शुद्ध लाभ कमाया, किंग फिशर एयर लाइन्स का सभी ने नजारा देखा कैसे माल्या अपनी अय्याशियों पर करोड़ों-अरबों रूपये खर्च करता है, बावजूद अपनी एयर लाइन्स के स्टाफ को देने के लिए पैसे कभी नहीं रहे, आज स्थिति ऐसी है की किंग फिशर बंद ही हो चुकी है, इसी प्रकार जेट एयर लाइन्स पर करीब २००० करोड़ से ज्यादा की देनदारी है, जिसमे अथोरिटी बैंक वित्तीय संस्थाएं  हैं, दरअसल सरकारी हो या गैर सरकारी एयर लाइने सभी का एक मात्र कार्य है, लोगों को पूरी सुविधाओं के रूप में उनके गंतव्य तक पहुचना, भारतीय एयर लाइनों का ही हाल ऐसा क्यों है, क्यों नहीं नीति और नियत पर ध्यान दिया जाता है, उम्मीद है की मोदी सरकार सभी एयर लाइनों के लिए कारगर नीति बनायगी ताकि पर्यटन उद्योग को भी नई उचाईयों तक पहुँचाया जा सके और ददेन दारी के कारन कोई एयर लाइन बंद ना हो



By इनसाइड कवरेज न्यूज़