काशीपुर में जिस ओर निकल जाओ उधर ही ट्रेफिक जाम लगा रहता है, या यूं कहें कि काशीपुर दो हिस्सों में बंट गया है एक रेलवे फाटक के इस ओर का काशीपुर और दूसरा रेलवे फाटक के उस और का काशीपुर। अगर गलती से रेलवे क्रासिंग पर फंस गये तो आपके समय का नुक्सान होना लाजमी है और कहा जाता है कि समय ही एक मात्र कीमती चीज़ है आदमी की लाइफ में जो एक बार चला जाये तो दुबारा नहीं आता। यह सिर्फ ट्रेफिक जाम की समस्या नहीं है बल्कि जब इतना कीमती समय खराब होता है तो इसके और भी साइड इफैक्ट हैं। जैसे झल्लाहट, गुस्सा, ब्लड प्रेशर का बढ़ जाना। किसी विद्यार्थी की परीक्षा मिस हो जाना। किसी कर्मचारी का डयूटी पर न पहुंच पाना। यात्रा करने वालों के समय की बर्बादी। और बाहर से आये पर्यटकों द्वारा काशीपुर की ट्रेफिक जाम समस्या को लेकर जी भर कर कोसना। काशीपुर की यह ट्रेफिक जाम की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है।
 
आखिर क्यों लग  जाता है काशीपुर में ट्रेफिक जाम?

काशीपुर में ट्रेफिक जाम क्यों हो जाता है इस पर अगर गौर कर लिया जाये तो इसका समाधान भी निकल सकता है, कुछ एक अधिकारियों ने इस समस्या को हल करने का प्रयत्न किया परन्तु राजनीतिक दवाब के चलते यह व्यवस्था 10 दिन मंे ही दम तोड़ गयी थी। परन्तु इस समस्या का हल तो निकलना अब जरूरी हो ही गया है। काशीपुर में ट्रेफिक जाम की समस्या का सबसे बड़ा कारण बाजपुर रेलवे क्रांसिंग है। क्योंकि यह दिन में अनेक बार बंद होता है। ट्रेन के समय तो बंद होता ही है शंटिग के लिए भी बंद होता रहता है और रिपेयरिंग के लिए या रेलवे लाइन की सफाई के लिए भी बंद हो जाता है। जिस कारण मेन चैराहे पर ट्रेफिक का दवाब यकायक बढ़ जाता है और ऐसे में ट्रेफिक पुलिस के कर्मचारी भी भरपूर मेहनत के बाद इस समस्या से मुक्ति नहीं पा सकते हैं और नतीजा यह होता है कि कोई न कोई संभ्रांत व गणमान्य व्यक्ति सप्ताह में औसतन एक बार इन डयूटी कर रहे कर्मचारियों से
भिड़ा रहता है।

दूसरा मुख्य कारण स्वयं ही पुलिस विभाग द्वारा की गयी व्यवस्था है। वह है मेन चैराहे को तिराहे में बदल देना। मेन बाजार या रतन रोड से अगर बाजपुर रोड पर जाना हो तो आगे रोड पर बेरीकेटिंग आ जाती है। दरअसल जब यह व्यवस्था हुयी थी तो यह अस्थाई व्यवस्था थी क्योंकि उस समय पुलिस विभाग में काशीपुर में कर्मचारियों की भारी कमी हो गयी थी तो
ट्रेफिक को उपर से डाईवर्ट कर दिया गया था परन्तु यह व्यवस्था अब भी बिना किसी कारण के ऐसे ही बनी हुयी है जिसका तार्किक जवाब शायद ही पुलिस विभाग का कोई अधिकारी दे सके। काशीपुर में चैराहे का तिराहा बना कर जनता के लिए परेशानी ही खड़ी की गयी है और जब भी कोई वाहन चालक रामनगर प्राइवेट बस अडडे के सामने से यू-टर्न लेता है तो सामने नैनीताल बैंक के पास वाहनों की भारी भीड़ लगी होती है और अनेक बार यहां  दुर्घटनायें हो चुकी हैं, रिक्शे पल्ट चुके हैं, लोग चोटिल हो चुके हैं परन्तु व्यवस्था जैसे की तैसे बनी हुयी है और इस रोड ब्लाॅक के कारण ट्रेफिक का दवाब कम होने की बजाय बढ़ जाता है। बाजार में भी ट्रेफिक जाम की समस्या से निजात पाये जाने की सख्त जरूरत है।

इस समस्या का समाधान कैसे हो?

इस समस्या का समाधान बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। वर्तमान एसडीएम महोदय पूरन सिंह राणा अगर चाहें तो ट्रेफिक जाम की समस्या से काफी हद तक मुक्ति पायी जा सकती है और इससे जनता को भारी राहत मिलेगी। इसी सप्ताह किसी भी दिन मीटिंग बुलाकर इस समस्या से मुक्ति के उपाय ढूंढे जायेंगे तो समाधान भी निकल ही आयेगा क्योंकि समस्यायें बनती ही इस लिए हैं कि उनका समाधान जरूर निकलता है। कुछ एक बिन्दु मैं रख रहा हूं जिस को अमल में लाया जा सकता है और बाकी के बिन्दु काशीपुर की जागृक जनता सुझाव के रूप में इस मीटिंग में रख सकती है। मेरा मानना है कि अगर शहर हमारा है और
समस्या हमारे शहर की है तो हल भी हम सब मिलकर ही निकालेंगे,

1. दिन के समय शहर में भारी वाहनों को प्रतिबन्धित किया जाये अथवा टांडा उज्जैन से होते हुए लोहियापुल, परमानन्दपुर मार्ग से वाहनों को बाजपुर रोड पर निकाला जाये। रामनगर रोड से आने वाले वाहन केलामोड़ कुण्डेश्वरी होते हुए बाजपुर रोड भेजे जा सकते हैं।

2. काशीपुर चैराहे पर लगाये गये बेरीकेटिंग को हटाकर पहले दो-पहिया वाहनों को निकलने दिया जाये अगर यह प्रयोग सफल हो जाये तो चैपहिया वाहनों को भी निकलने दिया जाये इससे निश्चित ही ट्रेफिक जाम कम हो सकता है। एसडीएम साहिब अगर इस को प्रैक्टीकली करना चाहते हों तो वह बाजपुर रोड से रामनगर रोड पर मुड़े और फिर यू-टर्न लेकर रामनगर रोड पर आ जायें ऐसा लगातार 5 बार करने पर समस्या भी समझ में आ जायेगी और उसका
समाधान भी तुरन्त हो जायेगा।  

3. काशीपुर के व्यापारी बहुत ही अच्छे हैं। व्यापारियों व व्यापारी नेताओं से बात करके बाजार की ट्रेफिक समस्या हल की जा सकती है। वह स्वयं ही इस व्यवस्था को अपना लेंगे। क्योंकि मार्केट के पास ही दो वाहन पार्किंग भी मौजूद हैं, अगर इन पार्किगों को उचित तरीके से इस्तेमाल किया जाये तो नगर में से वाहनों का दवाब कम हो जायेगा।

4. व्यापारी भाई अगर अपने वाहनों को एक निश्चित स्थान पर खड़ा करें तो इसके कई फायदे हैं। आपका वाहन सुरक्षित रहेगा और अगर दो चार कदम पैदल चलना पड़ भी जाये तो यह सेहत के लिए काफी लाभप्रद होता है ऐसा मैंने टीवी चैनल पर सुना है।

5. एक बहुत ही सस्ता सा जुगाड़ आपको बता देता हूं जिससे चारों और से ट्रेफिक जाम बहुत कम हो जायेगा। 1 स्पीकर टांडा तिराहे पर हो, एक स्पीकर स्टेडियम पर हो, एक स्पीकर द्रोणासागर के पास हो, 1 मेन चैराहे पर हो और उसका कंट्रोल रूम मेन चैराहे पर हो, इस कहते हैं पीएएस यानि पब्लिक एनांउसमेंट सिस्टम जैसे ही बाजपुर वाला रेलवे क्रांसिंग बंद हो तो तुरन्त घोषणा करके इन्हीं स्थानों पर भारी वाहनों को रूकवा दिया जाये, इन जगहों को सेफ जोन नाम दिया जा सकता है। जैसे ही क्रांसिंग खुले एक साइड के ट्रेफिक को छोड़ दिया जाये, बामुश्किल 10 मिनट में चारों और का जाम एक दम कलीयर हो जायेगा। इस बिन्दु पर सुझाव आमंत्रित हैं।

6. काशीपुर मेन चैराहे पर लगी हुयी लालबत्ती कामयाब हो सकती है परन्तु इसका तरीका बदलना होगा। अब तक क्या हुआ कि इसका सर्किट आॅटोमैटिक है जबकि काशीपुर में जाम की समस्या कभी भी और कहीं भी आ जाती है, अगर इसको मैनूयल संचालन कर लिया जाये तो सिर्फ 3 लोग ट्रेफिक जाम को हैंडिल कर सकते हैं वह भी कड़कती हुयी धूप से बचकर। एक लालबत्ती आॅपरेटर एक अनाउंसर और एक चालान काटने के लिए यह 3 लोग आराम से ट्रेफिक समस्या से मुक्ति दिला सकते हैं।

उम्मीद करता हूँ  कि इस जगह पर प्रकाशित इस चर्चा से कोई न कोई हल जरूर निकलेगा और काशीपुर के साथ साथ काशीपुर से गुजरने वाले राहगीरों को ट्रेफिक जाम समस्या से दो चार नहीं होना पड़ेगा।

आपके सुझाव भी जरूरी हैं से अपने सुझाव मेल करें इस मेल पर   
(सौ० - प्रेम अरोरा )

 
इनसाइड कवरेज न्यूज़ - www.insidecoverage.in, www.kashipurcity.com, www.adpaper.in