
आजकल देश में फांसी पर विवाद गर्माया हुआ है। हर ओर याकूब मेनन की फांसी की चर्चा है। कुछ लोग फांसी देने के विरोध में उतर गए है। उनका कहना है की फांसी देने से अपराध कम नहीं होते इसीलिए इस सजा को बंद कर देना चाहिए। लेकिन सैकड़ों लोगो की बिना किसी दोष के आतंकवादियों द्वारा हत्या कर देना और उनके अपराधियों को कड़ी सजा ना देना कहाँ का न्याय है। मौत का डर सबसे बड़ा डर होता है , इसीलिए दुनिया में अधिकतर लोग फांसी से डरते हैं। फांसी को सबसे बड़ी सजा माना गया है। अगर अपराधियों में फांसी का डर हो गायब हो जायगा तो वो अपराध करने से कभी नहीं डरेंगे। इसीलिए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देना बहुत जरुरी है। फांसी के अतिरिकत उम्रकैद की सजा दी जाती है लेकिन उम्रे कैद का डर उतना नहीं होता जितना मौत या फंसी का होता है। और अगर अपराध सिद्ध हो जाता है तो फांसी या मृत्यू दंड देने में कोई दोष नहीं।अगर अपराधियों को मौत की सजा नहीं दी जाये तो दुनियां में एक बहुत बड़ा ऐसा समूह बन जायगा जो इंसानियत के बहुत बड़े दोषी है। और कभी भी दुनिया के लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकते हैं।
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