14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाकर खाना पूर्ती पूरी हो गई, नेता हो या संगठन , या न्यूज़ चेनल सबने अपने अपने कर्तव्य पुरे किये, पूरी दुनिया को दिखाया की हम हिंदी से प्यार करते हैं , लेकिन जो सच्चाई है वो सबके सामने है, बिना अंग्रेजी के आज किसी को कोई जॉब नहीं मिलती, हिंदी मीडियम वाले बच्चों को बड़ी कम्पनियां दुसरे दर्जे का मानती है, जिसे अंग्रेजी नहीं आती वो आज समाज में खड़े होने लायक नहीं . जनता भी ऐसे व्यक्ति का मजाक उडाती है,
हिंदी से प्रेम करने वाले अगर हिंदी को ऊंचाई पर देखना चाहते हैं तो भारत के सभी क्षेत्रों को हिंदी मेय बनाना होगा, सभी सरकारी विभागों, न्यायालयों और संगठनो में हिंदी में ही कार्य संपादित करने होंगे, आजकल तकनीक का ज़माना है, देश के युवा भी तकनीक को पसंद करते हैं, आज हर काम में तकनीक का उपयोग हो रहा है, इसीलिए हिदी को तकनीक से जोड़ना बहुत आवश्यक है, हिंदी में ही तकनिकी ज्ञान दिया जाना चाहिए, हिंदी में ही नए नए शोध करने चाहिए, जब हर ओर हिंदी दिखाई देगी तो हमारा युवा भी हिंदी की ओर बढेगा और अपनी मात्र भाषा बोलने और लिखने में गर्व करेगा . दूसरी भाषा के लोग भी हिंदी सीखने के लिए प्रेरित होंगे ,
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