काशीपुर, द्रोणा सागर महाभारत कालीन तीर्थ स्थान है, और काशीपुर का एक रमणीय स्थल। लेकिन वहां की दुर्दशा को देखने वाला कोई नहीं है। आज सुबह नेहर और सीवर का पानी गौशाला वाले द्वार पर आजाने से मंदिर में पूजा करने वालो और भ्रमण करने वालो को परेशानी का सामना करना पड़ा और तीर्थ स्थान की ऐसी दुर्दशा देखकर बहुत दुःख हुआ। पानी की गन्दी महक से पूरा वातावरण दूषित हो रहा था, यह पानी द्वार से होता हुआ द्रोनासागर से पीछे लगी रोड तक पहुंचा और पास के खेतों में चला गया। जिससे वहां की फसलों को नुकसान होने की सम्भावना है। तीर्थ स्थानों की ऐसी दुर्दशा को देखकर ना तो प्रशासन की आँखे खुल रही हैं और ना वहां की कमिटी की। देव भूमि के नाम से प्रसिद्द राज्य की सरकार को भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा और ना ही शहर के विधायक और मेयर को। जबकि सुबह शाम द्रोणा सागर में बहुत गणमान्य लोग आते है जो सभी राजनैतिक पार्टियों से जुड़े हैं , लेकिन सब खामोश है, काशीपुर की धार्मिक जनता को भी अपने तीर्थ स्थानों की देखरेख करने का समय नहीं है।
तीर्थ स्थानों की पवित्रता को अशुद्ध करने वाले जिम्मेदार लोगो को जल्द से जल्द जगाया जाए। और अपने को धार्मिक कहने वाली जनता को भी थोडा समय अपने तीर्थ स्थानों की स्वच्छता के लिए निकालना चाहिए।
तीर्थ स्थानों की पवित्रता को अशुद्ध करने वाले जिम्मेदार लोगो को जल्द से जल्द जगाया जाए। और अपने को धार्मिक कहने वाली जनता को भी थोडा समय अपने तीर्थ स्थानों की स्वच्छता के लिए निकालना चाहिए।
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