कैमिकल का प्रयोग सावधानी से करें  उद्योग।
आज दिनांक 12 दिसम्बर, 2015 को कुमायूं गढ़वाल चैम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (केजीसीसीआई) के तत्वावधान में इण्डियन कैमिकल कौन्सिल, नई दिल्ली द्वारा चैम्बर हाऊस, काशीपुर में ‘‘कैमिकल वैपन कन्वेन्शन’’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर इण्डियन कैमिकल कौन्सिल के रीजनल सेक्रेटरी श्री आर. बालासुब्रमण्यन, चेयरमैन नाॅदर्न रीजन डाॅ0 एन जे सिंह, नाॅर्दर्न रीजन के सदस्य डाॅ0 आर के शर्मा तथा श्री एस. देवराजन उपस्थित थे।


सेमिनार में उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए डाॅ0 आर के शर्मा ने अवगत कराया कि प्रायः अधिकांश वस्तुओं के उत्पादन में कैमिकल का प्रयोग किया जाता है परन्तु उसके उपयोग में सावधानी न बरतने पर उसके दुष्परिणाम भी सामने आते हैं और यह दुष्परिणाम कभी-कभी गम्भीर रूप भी धारण कर लेते हैं। कभी-कभी उद्योगों में भी रासायनिक प्रक्रियाएं भयानक रूप धारण कर लेती हैं जिससे बचाव हेतु उद्योगों में समुचित सुरक्षा उपकरणों का उपलब्ध होना नितान्त आवश्यक है। रासायनिक प्रक्रियाओं के उपयोग में जरा सी भी भूल बहुत कम समय में ही विकराल रूप धारण कर लेती है। उन्होंने समय-समय पर विभिन्न देशों द्वारा लड़ाई के समय कैमिकल द्वारा निर्मित रासायनिक हथियारों के घातक परिणामों के बारे में भी अवगत कराया।

उन्होंने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी भी रासायनिक प्रक्रिया में हुई चूक का नतीजा थी जिसमें हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध में इस्तेमाल की गयी विषैली गैसों एवं रासायनिक हथियारों के प्रयोग से लाखों निर्दोष लोग मारे गये थे। आज घरेलू आतंकवादी हमलों में भी रासायनिक हथियारों का भय बना हुआ है। आज विश्व के अधिकांश देशों के पास जहरीली गैसों एवं रासायनिक हथियारों के विशाल भण्डार हैं जिनके रहते सुखद भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती।

जहां एक ओर मानव को विभिन्न बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने हेतु दवाईयों, वैक्सीन एवं औषधि निर्माण में विभिन्न प्रकार के कैमिकलों का एक सीमित एवं सुरक्षात्मक मात्रा में उपयोग कर मानव जीवन की रक्षा की  जा रही है वहीं दूसरी ओर इनके अनुचित प्रयोग से मानवजीवन को खतरा भी पैदा हो गया है इसलिए कैमिकल के प्रयोग में विशेष सावधानी बरता जाना नितान्त आवश्यक है।

इण्डियन कैमिकल कौन्सिल के नार्दर्न रीजन कमेटी के चेयरमैन, डा0 एन जे सिंह ने विभिन्न कैमिकलों के वर्गीकरण की जानकारी स्लाईड के माध्यम से प्रतिभागियों को दी। उन्होंने अवगत कराया कि      अधिक मात्रा में रसायनों का प्रयोग मनुष्य के तंत्रिका तत्र को प्रभावित करता है जिससे कई प्रकार की परेशानियां जैसे- दम घुटना, शरीर पर फोड़े होना, शरीर में जलन होना, आंखों से पानी आना, छाले पड़ना, दिखाई न देना, दिल में असहनीय पीड़ा होना, लकवा मार जाना, घबराहट तथा बेचैनी होने लगती है। उन्होंने आंसू गैस से होने वाली परेशानी के बारे में भी विस्तार से अवगत कराया। कैमिकल की चपेट में आने पर मनुष्य को जब शीघ्र उपचार नहीं मिलता तो उसकी मृत्यु तक हो जाती है। डाॅ जे एन सिंह ने कैमिकलों के दुष्परिणामों से बचने के उपायों पर भी प्रकाश डाला।

इण्डियन कैमिकल कौन्सिल के क्षेत्रीय सचिव, श्री आर बालासुब्रमण्यन ने कहा कि इण्डियन कैमिकल कौन्सिल पूरे देश में सेमिनारों का आयोजन कर उद्यमियों एवं बुद्धिजीवियों को जागृत करने का काम कर रही है। उसका प्रयास है कि उद्यमियों को जागरूक कर उद्योगों में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं के दुष्प्रभावों को कम से कम किया जा सके।

सेमिनार में केजीसीसीआई के अधिशासी अधिकारी श्री कुलदीप सिंह, श्री एन. एस. चैहान, श्री आर. के. मौर्या, श्री टी. एस. राजपूत, श्री प्रमोद उप्रेती, श्री पंकज सिंह, कर्नल विनय पन्त, डाॅ0 चक्रेश पाठक, श्री अतुल मित्तल, श्री एम.एस. बिष्ट, श्री हेमन्त शर्मा, श्री राहुल कुमार, श्री ए. के. चैहान, श्री सुनील कुमार, श्री आर. के शर्मा, श्री जितेन्द्र कुमार, श्री अतुल मित्तल, श्री जी. एस. नेगी, श्री वाई.पी.एस. राठी, श्री सतपाल सिंह, श्री आर के शर्मा, श्री अमित कुमार शाही एवं अन्य उद्यमी उपस्थित थे।
 
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