उत्तराखंड, काशीपुर एक पौराणिक शहर है जहाँ पांडव कालीन द्रोणा सागर स्थित है , इसके  अतिरिक्त मोटेश्वर महादेव मंदिर भी भीष्म कालीन माना जाता है , सिखों के गुरु बाबा नानक की शरणस्थली ननकी साहब तथा  गिरीताल जैसे प्राचीन स्थान हैं. लेकिन किसी भी सरकार का ध्यान इस शहर की तरफ नहीं गया, पर्यटन के रूप में अगर इसे विकसित किया जाता तो काशीपुर के साथ साथ उत्तराखंड का भी नाम होता, पर्यटन बढाने से रोज़गार के अवसर भी बड़ते और युवा शक्ति का पलायन भी रुकता, लेकिन उत्तराखंड की किसी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

लेकिन काशीपुर के युवाओं ने पिछले साल से लगातार गिरीताल -द्रोनासागर स्वच्छता अभियान चलाकर प्रशासन, सरकार, जनता का ध्यान इस ओर खींचा जिससे प्रभावित होकर अमर उजाला अखबार ने भी १२ दिन लगातार द्रोणा सागर के उत्थान के लिए अभियान चलाया , लेकिन कमिटी ने उन्हें धोखा दिया, प्रशासन ने  भी जांच का आश्वासन देकर जनता और मीडिया को गुमराह किया, प्रदेश की कोंग्रेस सरकार की भी आँख नहीं खुली जबकि कोंग्रेस सरकार के कई बड़े नेताओं को भी इस मामले की जानकारी है।

कुछ दिन पहले जिलाधिकारी ने द्रोणा सागर के विकास के लिए कुमाऊ  विकास मंडल को योजना बनाने को कहा है लेकिन इसकी कोई समय सीमा तय नहीं की गई, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है,   जिस प्रकार कमेटियों की जांच के लिए कहा गाया और आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

पौराणिक स्थानों की अनदेखी करने के लिए कोंग्रेस सरकार जिम्मेदार है और राहुल गांधी कोंग्रेस के उपाध्यक्ष है इसीलिए वो भी इसके लिए जिम्मेदार माने जायंगे, आने वाले चुनावों में जनता कोंग्रेस को आइना जरुर दिखायगी। 
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