हमारे देश में अमीर और गरीब की खाई दिनों दिन बढ़ती जा रही है। एक ओर अमीर आदमी के पास पैसे रखने की जगह नहीं है तो वह विदेशों में अपना धन भेज रहे हैं। दूसरी ओर गरीब के पास ना अच्छा खाना है, ना मकान है , ना स्वास्थ्य सुविधा है और ना ही अच्छी शिक्षा। और तो  और न्याय के लिए भी अमीर और गरीब के कानून अलग अलग नजर आते हैं। जैसे गरीब लोगों को बैंक थोड़ा बहुत लोन देते  हैं और लोन ना चुकाने पर  जुर्माने के साथ जेल की सजा भी दी जाती है और उन्हें बदनाम किया जाता है। बदनामी के डर से कई लोग आत्म हत्या भी कर लेते हैं। दूसरी और अमीर लोग भारी भरकम राशि बैंकों से लोन तो लेते हैं लेकिन वापस कब करेंगे उसका कोई अता पता नहीं होता। अमीर आदमी लोन तो चुकाता नहीं है बल्कि ऐशों आराम की जिंदगी  जीता है, पैसों को इधर उधार लगाकर बर्बाद करता है। लेकिन उसपर गरीब आदमी की तरह कोई कार्यवाही नहीं होती और  बैंकों को भारी नुक्सान होता है जिसकी पूर्ती सरकार को आम आदमी के दिए हुए   टैक्सों को देकर करनी करनी पड़ती है। 
             इस प्रकार की व्यवस्था से देश और गरीब का बहुत भारी नुक्सान हो रहा है। इस दोगली  कानून व्यवस्था को जल्द से जल्द बदलना चाहिए।  गरीब और अमीर को सामान न्याय व्यवस्था मिलनी चाहिए ।

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