रुद्रपुर 30 अप्रेल - ’’स्वच्छ भारत मिशन‘‘ के अन्तर्गत ही जिला प्रशासन द्वारा शुरु किये गये ’’मिशन स्वाभिमान‘‘ को सफल बनाने के लिए जिला परियोजना प्रबन्धन इकाई स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला विकास भवन स्थित शहीद उधम सिंह सभागार में सम्पन्न हुई । कार्यशाला की अध्यक्षता निदेशक स्वच्छ भारत मिशन (उत्तराखण्ड) रंजीत कुमार सिन्हा द्वारा की गई। कार्यशाला में ग्राम प्रधानों एवं क्षेत्र पंचायत सदस्यों को गावों को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने हेतु प्रेरित किया गया साथ ही शौचालय निर्माण हेतु विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। ग्राम पंचायतों को ओडीएफ (खुले में षौच मुक्त) बनाने के लिए सराहनीय कार्य करने वाले जनपद के 39 ग्राम प्रधानों को श्री सिन्हा ने प्रषस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। 
 
  कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि हमारे व हमारे बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता बेहद जरुरी है, इसलिए हर घर में शौचालय का निमार्ण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम तभी संस्कारी कहलाऐगें जब स्वच्छता हमारी दिनचर्या में षामिल होगी। उन्होंने बिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि बिल्ली गडढा खोदकर मल त्याग करने के बाद उसे ढक देती है,फिर हम क्यों न जानवरों से प्रेरणा लेकर स्वच्छता को अपनाएं। षौचालय बन जाने पर भी ग्रामीणों द्वारा उसका प्रयोग नहीं किये जाने पर श्री सिन्हा ने कहा कि षौचालय का निमार्ण जितना जरुरी है, उसका प्रयोग करना भी उतना ही जरुरी है। उन्होंने कहा कि षौचालय निर्माण व उसके प्रयोग से  जंगल आने जाने में लगने वाले समय की बचत होती है साथ ही महिलाओं का आत्म सम्मान भी बना रहता है। उन्होंने ग्राम प्रधानों से कहा कि वे स्वच्छता दूत बनकर स्थानीय जनता को पे्ररित करें ताकि हर घर में षौचालय का निमार्ण हो व उसका प्रयोग भी हो। श्री सिन्हा ने कहा कि स्वच्छ भारत मिषन के अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति चाहे व निजी जमीन में निवासरत हो चाहे सरकारी जमीन में उसे षौचालय बनाकर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों के पास षौचालय निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध नहीं है, उनके लिए सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर काॅमन शौचालय बनाकर एक-एक षौचालय प्रति परिवार के हिसाब से आवंटित कर दिया जायेगा। आवंटित किये गये षौचालय के साफ-सफाई की जिम्मेदारी सम्बन्धित परिवार की होगी। उन्होंने कहा कि जो गावं ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) हो जायेगें यदि वे कूडा निस्तारण प्रोजेक्ट के लिए प्रस्ताव बनाकर देगें तो उन्हें प्रोजेक्ट हेतु कुल 35 लाख रुपये दिये जायेगें,जिसमें से 20 लाख स्वच्छ भारत मिषन तथा 15 लाख रुपये मनरेगा के तहत दिये जायेगें। ़ग्राम प्रधानों द्वारा 14वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराषि के उपयोग के बारे में पूछे जाने पर श्री सिन्हा ने कहा कि 14वें वित्त आयोग के तहत प्राप्त धनराषि से कोई भी कार्य करवाया जा सकता है किन्तु भारत सरकार ने जल एवं स्वच्छता के कार्याें को प्राथमिकता दी है। उन्होंने सीडीओ को निर्देश दिये कि विद्यालयों के नामांकन रजिस्टर में एक कालम की वृद्वि कर बच्चों के निवास स्थान के साथ ही षौचालय का विवरण भी लिखा जाये साथ ही अध्यापकों द्वारा बच्चों व उनके अभिभावकों को षौचालय प्रयोग के लिए प्रेरित किया जाय।
कार्यषाला में मुख्य विकास अधिकारी डाॅ0 आषीश कुमार श्रीवास्तव ने ’’मिशन स्वाभिमान‘‘ की उपलब्धियों पर प्रकाष डाला। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत मार्च 2017 तक पूरे जनपद को खुले में षौच मुक्त बना दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आगामी 10 मई से 10 जून के मध्य षौचालय निमार्ण हेतु अभियान चलाकर विकास खण्ड जसपुर एवं काशीपुर को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) श्रेणी में लाया जायेगा। इसी प्रकार अन्य विकास खण्डों को भी खुले में शौच मुक्त कर दिया जायेगा।
कार्यशाला में ब्लाक प्रमुख जसपुर सपना रानी व ब्लाक प्रमुख काशीपुर गुरमुख सिंह,पीडी बालकृश्ण,डीडीओ आरसी तिवारी, परियोजना प्रबन्धक स्वजल भीम सिंह सहित क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्राम प्रधान उपस्थित थे।  


A Digital Paper - www.adpaper.in & www.kashipurcity.com - न्यूज़, करियर , टेक्नोलोजी . #adigitalpaper