काशीपुर एक ऐतिहासिक शहर है। यहाँ द्रोणा सागर और गिरीताल जैसे पौराणिक स्थान है। जो दूर दूर तक प्रसिद्द हैं। इनका विकास करके शहर को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रोज़गार को भी बढाया जा सकता है लेकिन उनकी अनदेखी करके हरीश रावत की कोंग्रेस सरकार ने यहाँ के स्थानीय लोगो की भावनाओं को ठेस ही पहुंचाई है और युवाओं को नए रोजगार से दूर किया है।

इन पौराणिक स्थलों की कमिटी के सदस्य भी कोंग्रेस से जुड़े है। इसलिए यहाँ की जनता कोंग्रेस सरकार के नेताओं को चुनावों में सबक सिखा सकती है। पिछले वर्ष इन स्थानों की बहुत सी खबरे अखबारों  की सुर्खियाँ बनी लेकिन किसी भी नेता को उसकी ओर ध्यान नही दिया। युवाओं ने कई महीनो तक स्वच्छता अभियान चलाया लेकिन कोई भी नेता आगे नहीं आया।अनदेखी के कारण ही इन पौराणिक स्थानो में सब्जियां उगाकर कमाई की जाती है जिसका कोई हिसाब किताब नहीं दिया जाता। गिरिताल में तो अब तालाब को पाटकर सब्जी उगाने और किराय पर देने की खबरे मिल रही है। वो दिन दूर नही जब कटोराताल की तरह बाकि बचे तालों को भी सुखाकर बेच दिया जायगा।

काशीपुर में दमदार विपक्ष के नेता ना होने के कारण भी यह मुद्दा अधिक नहीं गर्माया।लेकिन जनता सब देख रही है और आने वाले चुनावों में नेताओ को सबक सीखायगी।
अगर यहाँ की जनता इन स्थानों को बचाना चाहती है तो आगे आये अपना विरोध जताए। या कम से कम इस मेसेज को शेयर जरूर करे जिससे शायद नेताओ की आँखे खुल जाये
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