रूद्रपुर 07 अक्टूबर- भारत सरकार ने वर्ष 2015-16 (01 जुलाई, 2015 से 30 जून, 2016) को संदर्भ वर्ष मानकर समस्त भारत वर्ष मे दसवीं कृषि गणना कराने का निर्णय लिया है। जनपद की कृषि गणना कार्य कराने हेतु अपर जिलाधिकारी प्रताप शाह द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारियो व कर्मचारियो की बैठक लेकर कृषि गणना करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

उन्होने कहा कृषि गणना का मुख्य उद्देश्य छोटी-छोटी प्रशासकीय इकाइयो द्वारा कृषको की जोतो एवं उनके अन्तर्गत क्षेत्रफल को आकार वर्गवार, जाति वर्गवार जानकारियां संकलित करना है। इसके साथ ही उन्होने बताया कृषक अपनी जोतो का उपयोग एवं अन्य कृषि सुविधाएं किस प्रकार अपनाते है इसका अध्ययन किया जाना है ताकि कृषको के लिए कल्याणकारी योजनाए तैयार करने के साथ-साथ कृषि उत्पादन मे आवश्यक वृद्धि करने हेतु आवश्यक कदम उठाये जा सके। श्री शाह ने बताया कृषि गणना करते समय कृषि संख्या की जोतो एवं क्षेत्रफल, भू-स्वामित्व के आधार पर जोतो की संख्या एवं क्षेत्रफल, विभिन्न भूमि उपयोग के अन्तर्गत क्षेत्रफल, विभिन्न फसलो के अन्तर्गत सिंचित/असिंचित क्षेत्रफल, जोते गये क्षेत्रफल के आधार पर जोतो की संख्या व क्षेत्रफल की जानकारी लेना आवश्यक है। उन्होने कहा वर्तमान कृषि गणना मे जांेतो एवं क्षेत्रफल की जानकारी विभिन्न आकार वर्गवार एवं सामाजिक वर्ग अनुसूजित जाति एवं अनुसूजित जनजाति अन्य एवं संस्थागत जोत के साथ-साथ पुरूष एवं महिला जोतदारो की पृथक-पृथक जानकारियां संकलित की जाए। उन्होने कहा इस कार्य मे पूर्ण पारदर्शिता रखते हुए निश्चित समय सीमा के अन्तर्गत इस कार्य को किया जाए। उन्होने कहा प्रत्येक राजस्व उपनिरीक्षक अपने-अपने ग्रामांे मे पडने वाले ग्रामो की गणना का कार्य करेंगे। उन्होने कहा सरकार द्वारा इस कार्य को करने हेतु जो गाइडलाइन प्रेषित की है, उसका अध्ययन करते हुए सूचनाएं संकलित की जाए। बैठक मे उपजिलाधिकारी नरेश दुर्गापाल, चन्द्र सिंह इमलाल, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी डा0 अनिल शर्मा सहित राजस्व विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।  

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