रुद्रपुर 22 फरवरी - जनपद में आ रहे भूकम्प के झटकों को दृश्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन हुआ सतर्क। भूकम्प जैसी दैवीय आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन कितना तैयार है यह जानने के लिए आज जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया जिसमें इन्सीडेन्ट रिस्पोन्स सिस्टम के अन्तर्गत राहत एवं बचाव कार्यों को अन्जाम देने का पूर्वाभ्यास किया गया। माॅक ड्रिल के अन्तर्गत आज जनपद में 7.2 तीव्रता के भूकम्प को दर्षाया गया जिसमें जनपद के रुद्रपुर ब्लाक में गाबा चैक पर निर्माणाधीन पांच मंजिला इमारत, जेएलएन जिला चिकित्सालय बिल्डिंग, पंतनगर स्थित ब्रिटेनिया कम्पनी के भवन व रम्पुरा क्षेत्र में संजय गुप्ता के मकान के क्षतिग्रस्त होने के साथ ही भवनों में कई लोगों के फंसे होने की घटनाओं को दर्षाया गया। इसके अलावा जनपद के बाजपुर एवं खटीमा क्षेत्रों में भी भूकम्प के कारण कई भवनों के क्षतिग्रस्त होने की घटना को दर्षाया गया। माॅक ड्रिल के अन्तर्गत भूकम्प की सूचना मिलते ही आपदा प्रबन्धन केन्द्र से 09.55 पर आपदा सायरन बजाया गया जिसे सुनकर सभी अधिकारी कलक्ट्रेट स्थित इमरजेंसी आॅपरेषन सेन्टर पर एकत्रित हुए व इसके बाद घटना स्थलों हेतु बनाये गये टीम लीडर पुलिस लाईन में बनाये गये स्टेजिक एरिया से रेस्क्यू टीम व राहत एवं बचाव कार्य में उपयोगी उपकरणों के साथ सम्बन्धित घटना स्थलों के लिए रवाना हुए। सम्बन्धित टीमों द्वारा सम्बन्धित घटना स्थलों पर पहंुचकर राहत एवं बचाव कार्याें को अन्जाम दिया गया। माॅेक ड्रिल के उपरान्त जिलाधिकारी/रिस्पोंस्बिल आफिसर चन्द्रेष कुमार की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट स्थित इमरजेन्सी आपरेषन सेन्टर में समीक्षा बैठक आयोजित हुई जिसमें जिलाधिकारी ने सभी टीम लीडरों एवं सम्बन्धित अधिकारियो से फीड बैक प्राप्त की। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए यह जरुरी है कि इन्सीडेन्ट रिस्पोन्स सिस्टम के तहत अधिकारियों की जो जिम्मेदारी निर्धारित की गई है अधिकारी उससे ऊंची सोच के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को हर समय सतर्क रहना चाहिए ताकि वह अपनी जिम्मेादारियों को भलिभांंित निभा सके। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को समय-समय पर पूर्वाभ्यास करते रहना चाहिये ताकि वे अपनी क्षमताओं को परख सकें व पूर्वाभ्यास में जो कमिंया नजर आयें उन कमियों को सुधारने के लिए प्रषिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायें। जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा के दौरान प्रतिक्रिया समय को कम किया जाना जरुरी हैं क्योंकि राहत एवं बचाव कार्य जितनी तेजी से होगें हम उतनी ही जिन्दगियों को बचाने में सफल होगें। जिलाधिकारी ने निर्देष दिये कि घटना स्थल पर पहुंचने वाली टीम के अधिकारी/कर्मचारी हेलमेट व अन्य सुरक्षा उपकरणों को अवष्य पहने। उन्होंने आपदा प्रबन्धन अधिकारी को निर्देष दिये कि आज माॅक ड्रिल अभ्यास में जिन उपकरणों की कमी सामने आयी हैं उनकी सूची तैयार की जाय ताकि उन उपकरणों को क्रय किया जा सके। जिलाधिकारी ने निर्देष दिये कि तहसील व थाने स्तर पर जो राहत एवं बचाव कार्य सम्बन्धी उपकरण रखे गये हैं उनकी समय-समय पर जांच की जाये ताकि आवष्यकता पडने पर उन उपकरणों से सही कार्य लिया जा सके।  




   व्रिश्ठ पुलिस अधीक्षक/आॅपरेषन सेक्षन चीफ सेंथिल अबुदई ने कहा कि थानेवार मानव एवं मेटेरियल संसाधनों का आकलन कर लिया जाना जरुरी है ताकि आपदा के दौरान क्षेत्र की आवष्यकतानुसार संसाधनों की मांग की जा सके व पूर्ति की जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए जनपद में कम्युनिकेषन सिस्टम व ट्रांसपोर्ट सिस्टम का मजबूत होना बेहद जरुरी है। 
   इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी प्रताप सिंह षाह व ईलागिरी, पीडी हिमांषु जोषी, डीडीओ आरसी तिवारी, एसडीएम पंकज उपाध्याय व नरेष दुर्गापाल, सीएमओ एचके जोषी, मुख्य कोशाधिकारी तृप्ति श्रीवास्तव, मुख्य षिक्षा अधिकारी पीएन सिंह,डीडीएमओ अनिल षर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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