खेती यानी गरीबी की गारंटी। जी न्यूज़।
तमिलनाडु के किसानो की खबर देखकर तो यही लगता है। और जय जवान जय किसान का नारा दम तोड़ता नजर आता  है।
किसानो के नाम पर वोट की राजनीति करने वाले अंधे बने हुए है। मुआवजे की बात करने वाले भीड़ में खो गए हैं।
किसानो की ऐसी हालत देखकर तो हमारे नेताओ को शर्म आनी चाहिए। पक्ष हो या विपक्ष किसी भी बड़े नेता को अनशन। धरना करते नहीं देखा। केजरीवाल तो धरना किंग है उनको भी किसानो की खबर दिखाई नहीं देती शायद अभी उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ने वाली राहुल गाँधी जो किसानो के घर खाना खाने पहुँच जाते है उनको भी अभी भूख नहीं लग रही है। चुनाव की तारिख देखने में व्यस्त होंगे की कब चुनाव हो कब वह वहां पहुंचे।

ये सब देखकर आने वाली जनरेशन खेती करना कभी नहीं चाहेगी। और हमारा देश खाने के लिए दुसरे देशो पर निर्भर हो जायगा। मेह्गाई और बड जायगी।
इसलिए जल्दी बड़े कदम उठाने चाहिए। नदियों को सूखा ग्रस्त गावों से जोड़ना चाहिए ।