कैसे ओर कब होगा टेक्नोलोजी का सही प्रयोग?
क्या महज अपने लाभ तक ही मतदान की पुरानी पदति लागू रहेगी?
क्या चुनाव आयोग कर पाएगा चुनावो में टेक्नोलोजी का प्रयोग?
स्मार्ट फोनो का कब होगा सही प्रयोग?
(गिरीश चंदोला, हल्द्वानी)

उत्तराखंड । अगले चुनाव अगर टेक्नोलोजी पर हो तो सायद उत्तराखड़ में 95-100 प्रतिशत मतदाता घर बैठे मतदान कर सकते है ओर साथ ही सरकारी खर्चो पर भी लग पाएगी लगाम।जहा दूर दूर गाँव के लोग घर से कोशो दूर रहकर भी अपने फोन से अपने मतदान का प्रयोग कर पाएगे वही हर व्यक्ति बिना घर से बाहर निकले आसानी से मतदान कर सकेगे। वही दूसरी ओर सरकारी व्ययो पर भी लगाम लगायी जा सकती है। जिससे सरकारी राजस्व को भी काफी लाभ तो होगा ही साथ ही मतदान प्रतिशत में भी बढोतरी होगी।बस एक बार टेक्नोलोजी पर काम करना पडेगा जिससे दूर दराज विदेशो में रहने वाले व्यक्ति भी अपने क्षेत्र के उम्मीदवार को अपने घर बैठे मतदान कर सकेगा। अब देखना यह है कि क्या चुनाव आयोग इस तरह के कदम उठाने के लिए तैयार हो पाता है या नही। वैसे देखा जाय तो सरकारी मशीनरी तो बहुत ही लचर तरीके से कार्य करती है यह बात हर कोई जानता है लेकिन चुनाव आयोग को टेक्नोलोजी पर विशेष ध्यान देते हुए जल्द से जल्द इस तरह के कदम उठाने चाहिए जिससे 100 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य हासिल किया जा सके ओर साथ ही हर व्यक्ति अपने मताधिकार का प्रयोग भी कर सके।
शिक्षा तो है पर शिक्षित होना बाकी है यह कहावत आज टेक्नोलोजी का सही प्रयोग ना कर पाने के बाद सत्य प्रतीत होती है।