नमस्कार दोस्तों जुलाई का महिना सावन का महिना होता है और इसी महीने नाग पंचमी भी मनाई जाती है,  आज आपको बताऊंगा की हमारे पुराणों में इसका क्या महत्व है, और सांप को दूध पिलाने से क्या फायदा होगा और क्या नुकसान। 

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1-       हिन्दू धर्म में नागों को पूजा जाता है और  देवताओं के समान स्थान दिया गया है। भविष्य पुराण के अलावा दूसरे पुराणों में भी नागों की पूजा से धन-धान्य की प्राप्ति और नाग भय से मुक्ति की बातें कहीं गईं हैं। इसी कारण   नागपंचमी के दिन लोग नागों की पूजा करते हैं और उन्हें दूध पिलाते हैं।  नागपंचमी हर साल सावन कृष्ण पंचमी और सावन शुक्ल पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल सावन शुक्ल पंचमी इस वर्ष 28  जुलाई को है। इस मौके पर देश के कई भागों में नागपंचमी मनाई जा रही है और लोग नागों को दूध पिलाने के लाभ और नुकसान को जाने बिना ही नागों को दूध पिलाने की भी कोशिश कर रहे हैं।

आपको पता होना चाहिए कि नागों को दूध पिलाने की परंपरा की शुरुआत के पीछे भविष्य पुराण की कथा है। भविष्य पुराण में वर्णित पंचमी कल्प में बताया गया है कि राजा जनमेजय के नाग यज्ञ में जलने से बच गए अधजले नागों को आस्तिक मुनि ने दूध से स्नान करवाकर उनके शरीर के दाह को दूर किया था। इससे प्रसन्न होकर नागों ने आस्तिक मुनि से कहा कि जो भी व्यक्ति नागपंचमी के दिन उन्हें दूध अर्पित करेगा उसके वंश में नाग भय नहीं रहेगा और सुख संपत्ति का भी लाभ मिलेगा।

आज लोगों ने एक दुसरे की देखा देखि नागों को दूध अर्पित करने की बात को दूध पिलाना 
समझ लिया जबकि नागों को दूध पिलाने से लाभ के बदले नुकसान होता है।

विज्ञान के अनुसार  सांपों के शरीर की बनावट ऐसी नही होती है कि वह दूध पी सकें । दूध पीने से उनकी श्वास नली बंद हो जाती है और इससे उनकी मृत्यु तक हो जाती है।

ज्योतिषशास्त्र में भी कहा गया है कि सांपो को मारना और उन्हें कष्ट देने से जन्मपत्री में नागदोष बनता है जो कई जन्मों तक व्यक्ति को पीड़ित करता है और उन्हें रोग एवं आर्थिक कष्ट का सामना करना पड़ता है।  

इसीलिए आप सभी को सोच समझ कर ही नागपंचमी या किसी और दिन नागों को दूध पिलाना चाहिए और किसी भी प्रकार की विपत्ति से बचना चाहिए




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