आम चुनावों की घंटी बज चुकी है, और महा गठबंधन बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन एक बात समझने वाली है की अगर मोदी सरकार ने जनता के लिए कोई काम नहीं किया तो बड़ी पार्टियों को डरने की क्या जरुरत है? जनता तो बहुत समझदार है, अगर काम नहीं किया तो मोदी सरकार को वोट भी नहीं देगी जनता, 

लेकिन पार्टियां डरी हुई नज़र आ रही है ,और महा गठबंधन की हौद सी मची हुई है, और महा गठबंधन में ऐसी ऐसी पार्टियों का विलय होता नज़र आ रहा है जिनके अचार-विचार में कोई मेल नहीं है, वो पता नहीं इतना क्यों डर रही है मोदी से - या उनके कामों से ? 

उन्हें क्यों डर लग रहा है की अगर वो अकेले लड़ेंगी तो हार जायंगी - यह बात सोचने वाली है-
अगर ये महा गठबंधन बनाकर जीत भी गए तो देश का क्या भला होगा ये सब जानते हैं, कि पिछले बे सिरपैर के गठबंधन से देश को कितना नुक्सान हुआ है, पूर्व प्रधानमत्री ने जनता के बीच यह कहा था कि गठबंधन की मजबूरियां होती है और देश हित भी में बड़े कदम नहीं उठा सकते ,
ऐसा इस बार भी हो रहा है अगर बे सिरपैर की गठबंधन सरकार बनती है  तो क्या भरोसा है की यह एक दुसरे को ब्लैक मेल नहीं करेंगी, और देश हित में फैसले लेने में रोड़े नहीं अटकायगी -
अब जनता को खुद सोचना है की उसे कैसे सरकार चाहिए -