उत्तराखंड लोक सभा चुनाव की 5 सीटो पर  विश्लेषण और आकलन -कैलाश चौधरी
उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीटो पर 7 मई को मतदान शांतिपूर्वक बीत गया और अब हर पार्टी अपने -अपने प्रत्याशी की जीत -हार का आकलन करती नजर आ रही है जबकि उन सभी प्रत्याशियों का भाग्य ई वी एम मे बंद हो चुका है जो 16 मई को उनके भाग्य का फैसला करेगा |उत्तराखंड की 5 सीटो के लिए 5 महिला उम्मीदवार सहित कुल 74 उम्मीदवार मैदान मे है |इन सभी उम्मीदवारों का फैसला उत्तराखंड के कुल मतदाता 68,83,379 कर चुके है ,जिसमे महिला मतदाता 32,23,675,और पुरुष मतदाता 55,62,724 है |
उत्तराखंड की 5 सीटो पर हरिद्वार ,पौड़ी ,अल्मोड़ा ,टिहिरी और नैनीताल सभी पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है जबकि आप ,बसपा ,सपा सहित निर्दलयीए उम्मीदवार अलग -अलग ढंग से वोट काटने का काम कर चुकी है जो कही बीजेपी के या कही कांग्रेस के वोटो मे पलीता लगा चुकी है |2004 मे बीजेपी ने 3 कांग्रेस ने 1 और सपा ने भी 1 सीट जीती थी जबकि 2009 मे बीजेपी का सूपड़ा साफ़ हो गया था ,कांग्रेस ने 5-0 से एक तरफ़ा जीत हासिल की थी |
सबसे पहले नैनीताल सीट का विष्लेशण और आकलन करगे जो कांग्रेस प्रत्याशी के सीसिंह बाबा के लिए जीत की हैट्रिक बना सकती है.  2004, 2009 मे बाबा जीत चुके है और 2014 मे उन्हे 16 मई का इंतजार है |2004 मे कांग्रेस का मत परतीशत 44.71 था जबकि बीजेपी का 36.73 था , 2009 मे कांग्रेस का मत घटकर 42.65 रहा और बीजेपी का 30.91 रहा है जो पहले के मुकाबले बेहद काम रहा |
दो बार लगातार जीतने के बाद इस बार उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बीजेपी के भगत सिंह कोस्यारी से कड़ा मुकाबला है | नैनीताल सीट पर मैदानी बहुल इलाका ज्यादा है जिसमे मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी काफी ज्यादा है |इस सीट पर बसपा के लईक अहमद ,सपा के अवतार सिंह ,आप के बल्ली सिंह चीमा ने भी वोटो मे अच्छी सेंघ लगायी है क्योकि इन लोगो की अपने स्तर पर मतदाताओं मे अच्छी पकड़ है |
बाबा के स्थानीय स्तर पर ,अब तक किए विकास  और मुद्दो पर ,पहाड़ी और मुस्लिम वोटो के बटवारे से और देसी वोटो का बीजेपी की तरफ जाने से कोश्यारी बाबा से कड़ी टक्कर मे है क्योकि इस बार विकाश के मुद्दे स्थानीय स्तर पर ज्यादा हावी रहे ,खुद बाबा और कांग्रेस जन के लोगो मे भी कई कारणों से उत्साह कम रहा और रही -सही कसर मोदी की लहर और कोस्यारी की पर्सनल इमेज रही जिसमे वो बाबा पर अपनी जीत की पकड़ मजबूत करते नज़र आ रहे है और बाबा की हैट्रिक जीत को कड़ी चुनौती दे रहे है |
हरिद्वार सीट पर भी बड़ा रोचक मुकाबला है एक तरफ बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल है तो दूसरी और उत्तराखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री `की पत्नी रेणुका रावत | इस बार पत्नी की सीट निकालने की
चुनौती शासन-प्रशासन सहित खुद की इज्जत बचाने से कम नहीं |मुख्यमंत्री अपने पद पर रहकर भी सीट नहीं बचा पाते तो उनकी कुर्सी भी खतरे मे पड़ सकती है |
बीजेपी को चूकि बाबा रामदेव पहले से ही समर्थन कर रहे है तो इसका भी काफी फर्क पड़ सकता है जबकि निशंक की भस्टाचार के चलते कई आरोपों से छवि धूमिल हो चूकि है लेकिन अबकी बार मोदी सरकार का फेक्टर भी कड़ी चुनौती रेणुका रावत को पेश कर चुका है |
वही आप की प्रत्याशी पूर्व डी जी पी कंचन चौधरी भी अपनी साफ़ छवि के कारण चुनौती पेश की है |
कांग्रेस की नज़र करीब 4 लाख मुस्लिम वोटरो पर थी परन्तु इस बार का चुनाव बीजेपी ने विकाश के मुद्दो पर लड़ा है इसलिए किसी भी पार्टी के वोटर छिटक कर बीजेपी मे जा चुके है | कुल मिलकर मुकाबला काटे का रहा. पौड़ी लोकसभा सीट से बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड और यहाँ से 5  बार सांसद रहे भुवन सिंह खंडूड़ी और कांग्रेस के हरक सिंह रावत के बीच मुकाबला है | सतपाल महाराज के बीजेपी मे आने के बाद
मुकाबला बड़ा रोचक है जो बीजेपी के पक्ष जाता दिख रहा है | क्योकि महाराज यहाँ से भी सांसद रह चुके
है |खंडूड़ी की अपनी साफ़ छवि ,सैनिको ,स्थानीय लोगो मे अच्छी पकड़ होने और मोदी लहर से खंडूड़ी की जीत आसान बनती है | यहाँ आपदा के बाद पुनः निर्माण व आवासः भी अहम मुद्दा है क्योकि जिस प्रकार बहुगुणा सरकार केदारनाथ व अन्य जगह आई आपदा मे विफल रही ,भस्टाचार भी देखने को मिला ,यह मुद्दा भी खंडूड़ी के पक्ष जा रहा है | हरक रावत कांग्रेस मे प्रदेश स्तर पर अच्छे नेता है लेकिन उनके ऊपर महिलाओं द्वारा अभद्र व्यवहार की आलोचना और भस्टाचार के आरोपों के कारण मतदाताओं का मन खंडूड़ी के पक्ष मे जाता दिख रहा है |
टिहिरी गढ़वाल मे बीजेपी की प्रत्याशी टिहिरी राज घराने की माला राज्य लक्ष्मी शाह और कांग्रेस के साकेत बहुगुणा जो उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे है मैदान चुनावी जंग लड़ चुके है |इससे पहले 18 महीने पूर्व उपचुनाव मे दोनों मे मुकाबला रहा जिसमे साकेत को हार का मुँह देखना पड़ा था |आप के अनूप नौटियाल ,लोकदल के कुँवर जपेंद्र के होने से दोनों पार्टियो को थोड़ा नुकसान पंहुचा है लेकिन इस बार भी पलड़ा राज लक्ष्मी के पक्ष मे जाता दिख रहा है क्योकि विजय बहुगुणा पर आपदा प्रबंधन मे फ़ैल होने और भस्टाचार के आरोपों से घिरे होने के कारण साकेत को नुकशान होना पड़ेगा ,खुद साकेत पर भी भस्टाचार के आरोप लगे है |इस बार मोदी फेक्टर ने भी कांग्रेस प्रत्याशी मे पूरी -पूरी सेंघ लगा दी है |लेकिन मुकाबला रोचक रहा और 16 मई को ही पता चलेगा |
अल्मोड़ा उत्तराखंड की एक मात्र सुरक्षित सीट पर बीजेपी से अजय टम्टा और कांग्रेस के दो बार से सांसद प्रदीप टम्टा के बीच रोचक मुकाबला है |क्षेत्र के लिहाज से भी सबसे बड़ा होने के कारण इसकी सीमाये चीनऔर नेपाल से मिलती है |अल्मोड़ा के ग्रह नगर के नाते मुख्यमंत्री हरीश रावत की नज़र भी इस सीट पर हैऔर सरकार को बचाने की गुहार पर भी वोट मागे गए |अजय टम्टा भी भस्टाचार ,मोदी फेक्टर को लेकर वोट मागे थे लेकिन आने वाले समय ही बताएगा कि ओन कितने पानी मे है |हर प्रदेश ,हर राज्य की समस्याये अलग -अलग होती है लेकिन जिस प्रकार कांग्रेस के भ्रष्टाचार ,कुशासन ,विकास को लेकर लोगो ने कटघरे मे खड़ा किया और मोदी फेक्टर और गुजरात विकाश ने लोगो के दिलो -दिमाग पर अपनी छाप छोड़ी ,उससे लगता नहीं की कांग्रेस पिछला प्रदर्शन दोहरा पायगी,कही 5-0 का खतरा इस बार कांग्रेस को 16 मई के दिन न देखना न पड़ जाये