68वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनेक देश हित की घोषणाएं की। आज सुबह प्रधानमन्त्री महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने राजघाट गए बाद लालकिले पहुँच कर तिरंगा फेहराया।
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के सम्बोधन की मुख्य बाते :-
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के सम्बोधन की मुख्य बाते :-
- मेरे प्यारे देशवासियों आज देश व दुनिया में फैले हुए हिंदुस्तानी आजादी का पर्व मना रहे हैंः
- देशवासियों को प्रधान सेवक की अनेक अनेक शुभकामनाएं, मैं प्रधानमंत्री के रूप में नहीं प्रधान सेवक के रूप में उपस्थित हूंः
- देश की आजादी के लिए अनगिनत लोगों ने अपनी जवानी खपा दीः
- सभी आजादी के सिपाहियों को मैं शत शत नमन करता हूंः
- राष्ट्रीय पर्व राष्ट्रीय चरित्र को निखारने का एक अवसर होता हैः
- ये देश राजनेताओं, शासकों, सरकारों ने नहीं बनाया है. ये देश मजदूरों, किसानों, माताओं-बहनों, वैज्ञानिकों ने बनाया है
- एक छोटे से नगर, एक गरीब परिवार के बालक को, लाल किले की प्राचीर पर तिरंगे के नीचे सर झुकाने का सौभाग्य मिला, ये देश की ताकत है
- चपरासी से लेकर केबिनेट सचिव तक हर कोई सामर्थ्यवान है, मैं हर किसी का सामर्थ्य बढ़ाना चाहता हूं, देश की गति बढ़ाना चाहता हूं
- हमारे राष्ट्रीय चरित्र को हमें निखारना हैः, आज जब हम बलात्कार की घटनाओं की खबरें सुनते हैं तो हमारा सिर शर्म से झुक जाता है
- मैं हर मां बाप से पूछना चाहता हूं कि कभी उन्होंने अपने बेटों से सवाल पूछने की जुर्रत की हैः
- कानून अपना काम करेगा लेकिन समाज के नाते भी हर मां बाप का दायित्व हैः
- हिंसा के रास्ते पर चले नौजवानों से पूछना चाहता हूं, कंधे पर बंदूक लेकर आप धरती लाल कर सकते हैं पर कंधे पर हल होगा तो धरती हरी होगी
- अगर बुद्ध की भूमि नेपाल दुनिया को संदेश दे सकती है तो क्या भारत की भूमि दुनिया को संदेश नहीं दे सकतीः
- जातिवाद, सम्प्रदायवाद और हिंसा का जहर देश की प्रगति को रोक रहा हैः
- मैं उन डॉक्टरों से अनुरोध करना चाहता हूं , अपनी तिजोरी के लिए किसी मां की कोख में पल रही बेटी मत मारिए, मैं माताओं से कहना चाहता हूं कि बेटे की चाह में बेटियों को मत मारिएः
- भारत की बेटियां राष्ट्र का गौरव हैंःऐसे परिवार हैं जहां 5-5 बेटों वाले मां-बाप वृद्धाश्रम में रहते हैं, ऐसे भी जिसमें एक बेटी अपना सब कुछ त्याग कर मां-बाप की सेवा करती है:
- देश को आगे ले जाना है तो विकास और सुशासन ही रास्ता है, ये ही दो पटरियां हैंः
- सरकार में नौकरी करना सर्विस है और निजी नौकरी करना जॉब है, सरकारी सेवा में लोग सर्विस कर रहे हैं जॉब नहीं, इस भाव को पुनर्जीवित करना है
- नौजवानों आपके रहते हुए हमें दुनिया से चीज़ें आयात क्यों करनी पड़े? नौजवानों भारत आयात नहीं निर्यात करने वाला देश बन सकता है
- मैंने सरकार में आकर पहला काम सफाई का किया, अगर सवा सौ करोड़ तय कर लें- मैं गंदगी नहीं करूंगा तो क्या भारत स्वच्छ नहीं होगा
- आज भी हमारी माताओं-बहनों को खुले में शौच जाना पड़ता है, माताएं शौच के लिए अंधेरे का इंतजार करती हैं, भारत के सभी स्कूलों में शौचालय हों, बच्चियों के लिए अलग शौचालय हों, सांसद अपनी निधि से और कॉरपोरेट जगत अपना योगदान दें
- दुष्कर्म की खबर सुनकर हमारे सिर शर्म से झुक जाते हैं। माता-पिता बेटियों से जानकारी लेते हैं लेकिन क्या कोई अपने बेटों से भी पूछते है:
- शहरी सांसदों, राज्यसभा के सांसदों से निवेदन एक-एक गांव चुनकर मॉडल गांव बनाएं
- 11 अक्टूबर जयप्रकाश नारायण जयंती पर आदर्श गांव की योजना की पूरी घोषणा कर दूंगा
- अब योजना आयोग को नए रंग-ढ़ंग से काम करना होगा, बहुत ही कम समय में योजना आयोग के स्थान पर एक नई संस्था का निर्माण करेंगे
- देश को आगे ले जाना है तो विकास और सुशासन ही रास्ता हैः
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