चोरी की गाड़ियों का धंधा पुरे देश में ज़ोर शोर से चलता है लेकिन आज तक उसे रोकने के लिए पुलिस और सरकारों ने कोई कड़े कदम नहीं उठाये है . काशीपुर हो या देश का अन्य कोई शहर आये दिन गाड़ियां चोरी होती रहती है, और उनके नकली पेपर दिखाकर उन्हें बेच दिया जाता है .

टेक्नोलॉजी के इस युग में भी चोरी की गाडी खरीदने वाला यह पता नहीं कर पाता की गाडी के पेपर असली है या नकली। अगर सरकार चाहे तो इसका हल निकाला जा सकता है।   सभी गाड़ियों और उनके मालिको की जानकारी ऑनलाइन इंटरनेट पर डाली जाये. और चोरी होने पर भी उसकी जानकारी उसी समय डाली जाये जहाँ रजिस्ट्रेशन की जानकारी दी गई है . और जब कोई ग्राहक पुरानी गाड़ी ख़रीदे तो वह ऑनलाइन चेक कर सके की गाड़ी का असली मालिक कौन है और यह गाड़ी चोरी तो नहीं हुई है कभी।  ऐसा करने से गाड़ियां को चोरी होने से रोका जा सकता है। और चोरी हुई गाड़ी की जानकारी भी [प्राप्त की जा सकती है। 

ज्ञात हो पिछले दिनों काशीपुर में मोटर साईकिल चोरी करने वालो का एक गिरोह पकड़ा गया है, जिनके पास बहुत सी मोटर साईकिल बरामद हुई  है। चोरों से पूछ- ताछ करने पर  नकली रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट  (RC) बनाने वाले काशीपुर के पोस्ट ऑफिस रोड स्थित दूकान के एक प्रतिष्ठित व्यापारी को भी पकड़ा गया है जो 600 से 800 रुपये में नकली गाड़ी के रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट  (RC) बनाता था .