काशीपुर हो या उत्तराखंड या अन्य प्रदेश आपको 14 साल से कम उम्र के बच्चे कई जगह काम करते मिल जायंगे। सड़को पर कूड़ा उठाते हुए मिल जायंगे। होटलों और ठेलों पर भी बर्तन मांजते दिख जायंगे। लेकिन किसी को कुछ दिखाई नहीं देता। 14 साल से कम के बच्चों के लिए काम पर रखना कानूनी जुर्म है, फिर भी कोई कानून से नहीं डरता। समाज कल्याण विभाग भी पता नहीं अपने दफ्तरों से बहार आकर कब ये सब रोकेंगे। जिन बच्चों की उम्र पढ़ने - लिखने की है वो काम करने के लिए मजबूर है। सरकारें भी आँखें मूंदे बैठी है और उसके विभाग भी। अब तो लगता है योजना आयोग की तरह दुसरे विभागों के दिन भी पूरे होने वाले है।
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