आम आदमी पार्टी के सारे विधायक जनता को आमंत्रित करते है की  वो आगे आए और अपने अपने प्रतिनिधि से फंड का हिसाब माँगे | क्योंकि स्वराज में जनता की भागीदारी भी उतनी ही ज़रूरी है जितनी की उनके प्रतिनिधि की | जनता की भागीदारी के बिना स्वराज असली मायनों में स्थापित नही हो सकता। 

काशीपुर और पुरे उत्तराखंड में भी यह परम्परा शुरू होनी चाहिए। जनता अपने मेयर, विधायक और सांसद से सवाल पूछे। और अपने शहर और गाँव में क्या होना चाहिए कहाँ होना चाहिए जनता से राय लेकर होना चाहिए। सड़क कहाँ बनवानी है. उसपर कितना खर्च आ रहा है आदि सब जनता की जानकारी के बिना नहीं होना चाहिये। 
आज का ही उदाहरण ले लीजिये रामनगर रोड की सड़क को दुबारा बनाया जा रहा है , जबकि चुनावों से पहले ही कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के आने पर सड़क बनाई गई थी। दुबारा बनाने के लिए किसने यह आर्डर पास किया, कितना पैसा बर्बाद किया जा रहा है। जबकि कुंडेश्वरी रोड की सड़क पिछले 12 साल से नहीं बनी है।और कटोराताल रोड को बने हुए भी कई साल हो गए है। इसका जवाब सबको देना चाहिए।
मेयर, विधायक और सांसद को महीने में कम एक बार जनता दरबार लगाकर सभी से सहयोग और राय मांगनी चाहिए। आज का ज़माना टेक्नोलॉजी का है, काशीपुर और उत्तराखंड में बहुत लोग इसका उपयोग करते है और जनता अपनी राय फोन, मोबाइल, ई -मेल, व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर पर आराम से दे सकती है।