प्यारे मोदीजी,
तुम भारत
के महा नायक हो,
ममता एवं
समता के सहायक हो।
अपनी माँ
के दुलारे हो,
भारत की
जनता के प्यारे हो।
तुमने मैली
गंगा को
स्वच्छ बनाने
का वीरा उठाया है।
जन-जन में
देश-प्रेम का अलख जगाया है।
तुमने गांधी
के सत्य-अहिंसा को समझा है,
बापू के
सिद्धांतों को अपनाया है।
भारत की
संस्कृतिक गरिमा की
ज्योति जलाई
है।
गरीबी और
गंदगी से दूर भारत को नई राह
और रौशनी
दिखलाई है।
हिंसा,
निन्दा और दुष्टता विहीन
हिन्दुत्व
की नई परिभाषा बतलाई है
भ्रातृत्व
भाव व समता तेरी पुण्य कमाई है।
बस इतनी
सी विनती है तुमसे
सदा बापू
के बताए पथ पर चलना।
स्वार्थी
एवं भ्रष्टाचारियों के मोहजाल में मत फसना।
गंदगी,
गुलामी और गरीबी से अपने भारत
को दूर रखना।
धर्म और
जाति की राजनीति से भारत को बचाना।
राम राज्य
लाना और धरती पर स्वर्ग बसाना।
भारत को
पुनः विश्व का सिरमौर बनाना।
सिरमौर बनाना...
सिरमौर बनाना.. जय हिन्द!!
यह कविता मनमोहन गुप्ता द्वारा इनसाइड कवरेज को भेजी गई है, हम उनका आभार व्यक्त करते है, (श्री. मनमोहन गुप्ता- "अध्यक्ष "गांधी विचार मंच"), श्री राम ट्रेड सेंटर, दिग़म्बर जैन मंदिर के सामने, एस वी पी रोड, बोरीवली (वेस्ट), मुंबई -९२।
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