उत्तराखंड हो या देश के अन्य राज्य (गुजरात, नागालैंड, मिज़ोरम, मणिपुर को छोड़कर) शराब को बहुत बड़े टेक्स के सोर्स के रूप में देखा जाता है, लेकिन शराब एक ज़हर है जो देश के लोगो को धीरे- धीरे बर्बाद करता जा रहा है, शराब पीने से कई तरह की बीमारियाँ होती है, सड़क हादसे होते हैं, महिलाओ के साथ घर और बहार दोनों जगह अत्याचार होते हैं , लेकिन फिर भी इस ज़हर को बेचने में सरकार बड़े जोर-शोर से सहयोग करती है, सड़कों - नेशनल हाइवे हो या गली मोहल्लों, बस स्टैंड हो या रेलवे स्टेशन हर जगह आपको शराब की दुकाने मिल जायंगी, जैसे यह लोगो की ज़िन्दगी जीने के लिए बहुत जरुरी  चीज हो,  इसके बिना देश की जनता जी नहीं पायगी .
ऐसा लगता है हामरे नेताओ को शराब का टेक्स ही दिखाई देता है और कुछ करना और सोचना आता ही नहीं है, जिससे राज्य की आर्थिक हालत सुधरे, मोदी सरकार अगर गुजरात की तरह पुरे देश में ही शराब पर पाबन्दी लगा दे तो बहुत सी जिंदगियां बचाई जा सकेंगी और बड़े अपराधों को रोका जा सकेगा .