आचार्य चाणक्य ने कहा था - दूसरों के अनुभवों से सिखने की कोशिश कीजिये, अपनी गलतियों से सीखोगे तो उम्र कम पड़ जायगी .
पैर की मोच
और
छोटी सोच,
हमें आगे
बढ़ने नहीं देती ।
टुटी कलम
और
औरो से जलन,
खुद का भाग्य
लिखने नहीं देती ।
काम का आलस
और
पैसो का लालच,
हमें महान
बनने नहीं देता ।
अपना मजहब उंचा
और
गैरो का ओछा,
ये सोच हमें इन्सान
बनने नहीं देती ।
दुनिया में सब चीज
      मिल जाती है,....
      केवल अपनी गलती
      नहीं मिलती...



  बुलंदी की उडान पर हो तो ,
जरा सब्र रखो।
परिंदे बताते हैं कि ,
आसमान में ठिकाने नही होते ।।


:  चढ़ती थीं उस मज़ार पर चादरें बेशुमार ,
लेकिन बाहर बैठा कोई फ़क़ीर सर्दी से मर गया।।

:  छत टपकती है उसके कच्चे घर की , वो किसान फिर भी बारिश की दुआ माँगता है ।।
:  तेरे डिब्बे की वो दो रोटिया कही भी बिकती नहीं ,
माँ ...........

होटल के खाने से आज भी भूख मिटती नहीं ।।
:  इतना भी गुमान न कर आपनी जीत पर " ऐ बेखबर "
शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हे....।।
:  सीख रहा हूं अब मैं भी इंसानों को पढने का हुनर ,
सुना है चेहरे पे किताबों से ज्यादा लिखा होता है ।।
:  लिखना तो ये था कि खुश हूँ तेरे बगैर भी ,
पर कलम से पहले आँसू कागज़ पर गिर गया ।।
:  " मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए ,
वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुये ।।

             मिली थी जिन्दगी
      किसी के 'काम' आने के लिए..
           पर वक्त बित रहा है
     कागज के टुकड़े कमाने के लिए..
                              
   क्या करोगे इतना पैसा कमा कर..?
ना कफन मे 'जेब' है ना कब्र मे 'अलमारी..'
       और ये मौत के फ़रिश्ते तो
           'रिश्वत' भी नही लेते..