ओबामा की यात्रा से उम्मीद ज्यादा नहीं ......

26 जनवरी को अमरीका के राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा परेड के मुख्य अतिथि है। जो भारत के लिय गर्व का विषय है, आज तक कोई अमरीकी राष्ट्रपति परेड का अतिथि नहीं बना | कहा जा सकता है मोदी –ओबामा के नये युग का आग़ाज होने जा रहा है।  लेकिन अगर आतंकवाद के मुद्दे पर अमरीका का दोहरा मापदंड आगे भी रहता है तो भविष्य मे रिश्तो पर असर पड़ सकता है क्योकि भारत काफी समय से पाकिस्तान की काली करतूतों को सबके समक्ष रखता आया है।  अगर इसके बावजूद अमरीका पाकिस्तान को आर्थिक मदद जारी रखता है तो सरासर आतंकवाद को बढावा देने की नीति का हिस्सा माना जायगा | कभी मोदी को वीजा देने पर कड़ा एतराज जताने वाला अमरीका आज मोदी के विकास मुद्दे पर मुरीद है | 21वीं सदी के लिय दोनों के पास लोकतंत्र , तकनीक , विज्ञान , उधमी पर्याप्त मात्रा मे है यहाँ तक भारत के पास दुनिया के सबसे ज्यादा युवा लोग है जो देश की सबसे बड़ी पूंजी है | इस यात्रा पर दोनों देशो मे सयुक्त राष्ट्र का स्थाई  सदस्य ,परमाणु क़ानून , रक्षा करार , टेकनोलोजी व् जलवायु पर करार , अमरीकी कम्पनीयो को भारत मे पूंजी निवेश का न्योता देना आदि समझोते हो सकते है जो मील का पत्थर साबित हो सकते है  



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