आज दिनांक 10 फरवरी, 2015 को केजीसीसीआई एवं एमएसएमई-विकास संस्थान, हल्द्वानी द्वारा संयुक्त रूप से चैम्बर हाऊस, काशीपुर में ‘‘वेण्डर डेवलपमेण्ट, एमएसएमई की योजनाएं एवं बार कोड’’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एमएसएमई के सहायक निदेशक श्री यू सी खण्डूरी, बार कोड कन्सलटेंट श्री ए0 के0 त्रिपाठी, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम, देहरादून के सहायक प्रबन्धक श्री पुष्पेन्द्र सूर्यवंशी, पंजाब नेशनल बैंक क्षेत्रीय कार्यालय काशीपुर के चीफ मैनेजर श्री राजनाथ सिंह तथा जिला उद्योग केन्द्र के सहायक प्रबन्धक श्री मौ0 कमर, भी उपस्थित थे। कार्यशाला का संचालन केजीसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री आलोक कुमार गोयल ने किया। 
एमएसएमई विकास संस्थान, हल्द्वानी के सहायक निदेशक श्री यूसी खण्डूरी ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विकास संस्थान, हल्द्वानी ने एमएसएमई द्वारा संचालित विभिन्न योजनाएं जैसे- 1. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों में विपणन सहायता और प्रौद्योगिकी उन्नयन तथा बार कोड हेतु वित्तीय सहायता योजना। 2. इन्क्यूबेटरों के द्वारा लघु एवं मध्यम उद्योगों के उद्यमिता एवं प्रबन्धकीय विकास हेतु सहायता योजना। 3. गुणवत्ता प्रबन्ध मानकों और गुणवत्ता प्रौद्योगिकी उपकरण के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बनाने हेतु सहायता योजना। 4. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए बौद्धिक सम्पदा   अधिकारों के सम्बन्ध में जागरूकता निर्माण योजना का क्रियान्वयन। 5. लीन विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मक योजना का क्रियान्वयन। 6. सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड के तहत नये मिनी टूल रूम की स्थापना। 7. डिजाईन विशेषज्ञता लाने के लिए डिजाईन क्लीनिक योजना। 8. विपणन सहायता  एवं प्रौद्योगिकी विकास तथा गुणवत्ता उन्नयन योजना। 9. सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी के संवर्धन हेतु सहायता योजना के बारे में विस्तार से अवगत कराया।
  
केजीसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री आलोक कुमार गोयल ने सेमिनार में उपस्थित उद्यमियों को अवगत कराया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों हेतु संचालित योजनाओं का उद्देश्य तकनीकी सुधार, कुशलता, गुणवत्ता, विपणन के लिए बाजार की संभावनाएं तलाश कर उनका विकास करना है। उन्होंने सुझाव दिया कि एमएसएमई को पर्वतीय राज्यों के कठिन भौगोलिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक विकास की नीतियों का निर्माण करना चाहिए।
 
केजीसीसीआई के कोषाध्यक्ष श्री नितिन अग्रवाल ने  सेमिनार में उपस्थित उद्यमियों से आग्रह किया कि उन्हें अपने उद्योगों के विकास हेतु एमएसएमई की योजनाओं  का समुचित फायदा उठाना चाहिए तथा नये उद्यमियों को अपने उद्योग लगा कर आत्म निर्भरता की ओर कदम बढ़ाना चाहिए तथा राज्य के विकास में अपना योगदान देना चाहिए।

पंजाब नेशनल बैंक क्षेत्रीय कार्यालय काशीपुर के चीफ मैनेजर श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज उद्योगों की स्थापना के लिए बैंकों ने ऋण उपलब्ध कराने की सुविधा का अत्यन्त सरल कर दिया है। अतः नये उद्यमियों को अपने उद्योग लगाने के लिए प्रयास करना चाहिए। उत्तराखण्ड में फूड प्रोसेसिंग इकाईयां स्थापित की जा सकती हैं जिसके लिए भरपूर मात्रा में यहीं पर कच्चा माल उपलब्ध हो सकता है।

इस अवसर पर केजीसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री आलोक कुमार गोयल, कोषाष्यक्ष श्री नितिन अग्रवाल, श्री अमित अग्रवाल, श्री संजय गुप्ता, श्री हिमांशु, डाॅ0 एस के हरबोला, कुलदीप सिंह, हेमन्त कुमार, डाॅ0 राजेश मठपाल, अभिषेक चैधरी, राहुल बजाज, अजय गोयल, विनय शर्मा, विकास गेस्वामी, मो0 मोबीन, रफीक अहमद, दान सिंह, हेमन्त शर्मा, सतपाल सिंह आदि उपस्थित थे।
 

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