हर साल भारत सहित पुरे विश्व में महिला दिवस मनाया जाता है । बड़े बड़े भाषण
होते है , कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । भारत में बड़े-बड़े नेता और
सामाजिक कार्यकर्ता महिलाओं के हितो की बात करते नजर आते हैं, लेकिन समाज
को बदलना और उसकी मानसिकता को बदलना लोहे के चने चबाने जैसा है। राजनैतिक
पार्टियां भी महिलाओ के के हित की बड़ी बड़ी बातें करती है लेकिन अभी तक उनके
लिए राजनीति में ही 33 % आरक्षण नहीं दे सकी । केंद्र की नई सरकार बीजेपी
भी विपक्ष में बैठकर बाई -बड़ी बातें करती थी, लेकिन सत्ता में आते ही सब भूल
गई । 10 महीने बीत जाने पर भी किसी भी नेता के मुह से महिला आरक्षण की बात
नहीं निकली।
समाज के सभी वर्गों और राजनैतिक दलों को एक दिन यह समझना ही होगा जब तक महिलाओं को बराबरी का हक़ नहीं दिया जाएगा तब तक देश विकास नहीं कर सकेगा ।
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