उत्तराखंड, बिजली विभाग के निजीकरण कि प्रक्रिया चल रही है क्योंकि सरकारी विभागों कि लापरवाही से विद्युत विभाग को बहुत नुकसान हो रहा है। सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त है, जनता कि शिकायतों को दरनिकार कर दिया जाता है, बिना पैसे दिए कोई काम नहीं होता, बिजली की चोरी रोक पाने में कर्मचारी नाकाम रहे हैं, उन्ही कि मिली भगत से चोरियां हो रही है।
इसीलिए उत्तराखंड में बिजली विभाग का निजीकारण किया जा रहा है। आजकल कि तेज लाइफ में किसी के पास समय नहीं है जनता सुविधा चाहती है चाहे ह निजी कम्पनियाँ ही क्यों न दे। अधिकतर जनता सरकारी विभागों से तंग आ चुकी है इसीलिए जल्द से जल्द जनता के समय बर्बाद करने वाले और सुविधाएँ ना देने वाले विभागों से छुटकारा दिलवाया जाए।
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