सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाना देश का हर गरीब आदमी जानता है , कई लोग तो चक्कर लगाते लगाते ही परलोक पहुँच गए लेकिन उनका काम अभी तक नहीं हुआ है , 

आजके व्यस्त जीवन में सबसे कीमती चीज समय ही है , इसीलिए किसी का समय खराब करना सबसे बड़ा अपराध है , लेकिन सरकारी दफ्तरों में समय की कोई परवाह नहीं करता , अधिकारी / कर्मचारी ऑफिस में मिले या नहीं मिले जनता को तो चक्कर काटने ही पड़ेंते हैं .और भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिल जाता है . लोग दलालों के चक्करों में भी फंस जाते  है . 

शहरों के बड़े अधिकारीयों को  अक्सर इधर -उधर जाना पड़ता है, कभी कोई नेता या मंत्री आता है या कोई बड़ी घटना हो जाती है ऐसे अनेक कारणों से अधिकारी दफ्तरों में नहीं मिल पाते लेकिन जनता को कुछ पता नहीं होता और वह दफ्तर में चक्कर लगाते रहते है .

अगर केन्द्र सरकार या राज्य सरकारे सरकारी दफ्तरों में हेल्प लाइन नंबर शुरू कर दे जिससे लोग फोन करके पता कर सके की अफसर मिलेंगे या नहीं तो बहुत लोगों का समय बचेगा , 

अब देखना यह है की कौनसी सरकार जनता के कीमती समय को बर्बाद होने से पहले बचाती है और हेल्प लाइन की सुविधा देती है .

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