आजकल पूरे देश में इलहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बारे में चर्चा जोरों पर है जिसमे कोर्ट का आदेश है की उत्तर प्रदेश के सभी नौकरशाह और सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ायंगे। जिससे शिक्षा का स्तर अच्छा हो सकेगा। क्योंकि आज तक किसी भी नेता या अधिकारी या शिक्षकों ने सरकारी स्कूलों की दशा को सुधारने का प्रयत्न नहीं किया। इसीलिए अगर आदेश का पालन होता है तो यह एक जादू की छड़ी की तरह काम कर सकता है। जब नेताओं और अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढेंगे तो शिक्षकों को भी जिम्मेदारी का एहसास होगा।
सोशल मिडिया में भी आजकल इस आदेश के बहुत चर्चे है। देश के लाखों लोग सरकारी नौकरी पाने के लिए एक मेसेज शयेर कर हैं -
"मुझे सरकारी नौकरी दे दो - मैं अपने बच्चों को सरकारी स्कुल में पढ़ाऊंगा,
मैं लिखित में एग्रीमेंट भी करूँगा "
ऐसे कई मेसेज है जो शेएर किये जा रहे हैं। देश की आम जनता में अगर सर्वे किया जाए तो 90% जनता कोर्ट के इस आदेश के समर्थन में वोट देगी। क्योंकि गरीबों को अच्छी पढ़ाई मिल सकेगी और निजी स्कूलों की लूटमार से छुटकारा मिल सकेगा।
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