भारत, देश में हर साल कोई ना कोई खाने - पीने की चीजें महंगी होती रहती है. कभी प्याज के दाम बड जाते हैं, कभी दाल महंगी हो जाती है, कभी किसी फल या सब्जियों के दाम बड जाते हैं।  इसका एक  मुख्य कारण कालाबाजारी करना है, पैसे के लालच में खाद्य पदार्थों को बड़ी मात्रा में स्टोर करके व्यापारी दामों को बढ़ाते है और बाद में मुनाफा कमाकर बेच देतें है, और आम आदमियों की थाली से दाले- सब्जियां दूर हो जाती हैं। 

                जब तक कोई सशक्त सिस्टम नहीं बनेगा तब तक तह सब चलता रहेगा. खाद्य पदार्थों के लिए आज तक कोई सशक्त सिस्टम नहीं बना। किसी भी सरकार या विभाग को यह पता नहीं होता की देश में कितनी दाल या सब्जी किसान ने पैदा की है, और कीस  व्यापारी को बेचीं है।  अगर ऐसा सिस्टम बना दिया जाय  तो काला बाजारी को बहुत हद तक रोका जा सकता है , देश के हर किसान को तकनीक से जोड़कर ये संभव है।  किसानो को तकनीक की सहायता से सीधे ग्राहक से जड़कर दोनों का  फायदा किया जा सकता है।

दामों के बढ़ने का लाभ हमेशा कालाबाजारियों को ही होता है किसानों को कभी नहीं। इसीलिए किसानो को इसका लाभ देने के लिए किसान को अपना उत्पादन ऑनलाइन बेचने के लिए कोई सिस्टम बनाना चाहिए, और किसानो को यह भी पता होना चाहिए की देश में किसी खाद्य पदार्थ की मात्रा कितनी है जिससे वह  अगले सीजन में उस फसल का उत्पादन करे जिसकी मात्रा कम है। 

ऐसा करने से किसान को भी फायदा होगा और देश के गरीब आदमी को भी महंगाई से राहत मिलेगी।
 
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