मोटर यान अधिनियम के अन्तर्गत मोटर दुर्घटनाओ को नियन्त्रित करने हेतू जो व्यवस्था की गयी है उसकी मुख्य - मुख्य व्यवस्थाए इस प्रकार है :-
  
(क) बिना लाइसेंस के मोटर चलाना अपराध है:-                          
मोटर वाहन यान अधिनियम की घारा -3 के अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति पब्लिक स्थान मे तब ति मोटर वाहन नही चला सकता है जब तक उसके पास वाहन चलाने का विधिवत लाइसेसं न हो । मोटर वाहन मे बसे, ट्रक, कारें, स्कूटर इत्यादि सभी सम्मिलित है और कोई भी व्यक्ति  बिना लाइसेंस के पकडा जाता है तो उसको इसको इस अधिनियम के अन्तर्गत चालान करके दण्डित किये जाने की व्यवस्था की गई है ।
  
(ख) गाडी के कण्डक्टर को भी लाइसेंस की जरूरत होती है :-      
प्रायः यह देखा गया है कि ट्रको या बसो के कन्डक्टर अनजान होते है और उनकी लापरवाही के कारण भी वाहन पर ड्राइवर द्वारा प्रभावी नियन्त्रण नही हो पाता है, इसलिए मोटर यान अधिनियम की घारा 29 के अन्तर्गत यह व्यवस्था की गई है कि किसी भी मंजिली गाड़ी मे कोई भी कण्डक्टर विना लाइसेंस के नही होगा।

(ग) बिना बीमा किये वाहन को चलाना :-         
कोई भी व्यक्ति बिना बीमा कराये वाहन को पब्लिक स्थान पर नही चलायेगा । घारा - 146 मे इसका प्रावधान एवं उल्लंघन पर दण्ड की व्यवस्था की गई है ।

(घ) प्रत्येक मोटर बाहन का पंजीकृत परम आवश्यक है :-                 
कोई भी व्यक्ति किसी भी मोटर वाहन को बिना पंजीकृत करायें वाहन नही चला सकता है । घारा  39 मे इसका प्रावधान किया गया है ।

क्रमशः....…

सौजन्य -
संजय रूहेला (अधिवक्ता) L L. M 
(काशीपुर बार एसोसिएशन) -संपर्क - 9927136750

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