काशीपुर उत्तराखंड का एक धार्मिक और पौराणिक स्थान हैं। यहाँ पर द्रोणा सागर, गिरिताल, नानकी साहब जैसे पौराणिक और धार्मिक स्थान है।  लेकिन आज तक नेताओं और प्रशासनिक अधिकारीयों ने इनकी अनदेखी ही की है। द्रोणा सागर की दुर्दशा की खबरे आये दिन अखबारों में छाई रहती है। उसी प्रकार गिरिताल की भी जो दुर्दशा हो रही है किसी से छुपी नहीं है। गिरिताल जैसे धार्मिक स्थानो में कभी तालाब में जल भरा रहता था। लोग दूर दूर से पूजा -अर्चना करने आते थे। लेकिन आज ताल में गंदे नाले से पानी बह रहा है। लोग कूड़ा करकट भी ताल में डाल देते हैं। ताल के आसपास बहुत से नेता और सरकारी अधिकारी भी रहते है लेकिन किसी को कुछ दिखाई नहीं दे रहा।  ये लोग पता नहीं किस धर्म को मानते है। इसके अतिरक्त ताल में पानी को सुखाकर उसमे सब्जियां उगाई जा रही है लेकिन उसकी कमाई का पैसा भी मंदिरो और परिसर में लगता दिखाई नहीं दे रहा। 
ऐसे अधिकारीयों पर जल्द कार्यवाही करनी चाहिए जो धार्मिक स्थानो में फ़ैल रही गन्दगी को अनदेखा कर रहे है। अगर देवभूमि उत्तराखंड सरकार अपने धार्मिक स्थानो की देख रेख नहीं कर पा रही है तो जनता उन्हें 2017 के चुनावों में सबक जरूर सिखाएगी । 




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