रूद्रपुर 16 जनवरी - जिलाधिकारी अक्षत गुप्ता द्वारा आज जिला योजना, राज्य सैक्टर, केन्द्र पुरोनिधानित, वाह्य सहायतित व बीस सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होने कहा वित्तीय वर्ष  समाप्ति की ओर है लिहाजा सभी अधिकारी विभागीय योजनाओं पर अधिक ध्यान देकर योजनाअेां का पूर्ण करते हुए आवंटित धनराशि शतप्रतिशत खर्च करे। उन्होने कहा जो विभाग अच्छा कार्य कर रहे है शासन से धनराशि अवमुक्त होने पर उन्है विकास कार्यो के लिए और धनराशि दी जायेगी। उन्होने कहा बैठको में जिलास्तरीय अधिकारी पूरी तैयारियों के साथ प्रतिभाग करे। जिलाधिकारी ने कहा दिसम्बर माह के अन्त तक मानक के अनुसार जिला योजना की 80 प्रतिशत धनराशि खर्च हो जानी चाहिए थी। उन्होने कहा जो विभागाध्यक्ष समय से जिला योेजना की धनराशि खर्च नही करेंगे उन्हे प्रतिकूल प्रविश्टि दी जायेगी। उन्होने कहा जिला योजना के अन्र्तगत जो धनराषि आवंटित की गई है, उसके व्यय की सूची मदवार आनी चाहिए। लोनिवि द्वारा अभी तक मदवार सूची  न देने पर जिलाधिकारी ने उनके स्पश्टीकरण लेने के निर्देश दिये गये साथ ही उन्होने कहा तीन दिन के अन्दर मदवार सूची उपलब्ध न होने पर तीनो डिवीजन के अधिशासी अभियन्ताओं को प्रतिकूल प्रविश्टि दी जायेगी। बैठक में खेल अधिकारी, युवा कल्याण अधिकारी व नगर निगम/नगर पालिकाओ के अधिषासी अधिकारी के उपस्थित न होने पर स्पश्टीकरण लेने के निर्देश दिये। समाज कल्याण व अल्पसंख्यक विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होने कहा विकलांग कल्याण के अन्तर्गत विकलांगो को लाभान्वित करनेे के लिए उन्हे वीर चन्द्र सिंह गढवाली व उद्योग विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग की योजनाओ से भी जोडा जाए इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा महाप्रबन्धक उद्योग को नोडल अधिकारी बनाया गया है।  जिलाधिकारी ने कहा जनपद में जो भी विकलांग पंजीकृत है उनसे सम्पर्क कर उन्हे योजनाओ का लाभ दिया जाए, इन योजनाओं के लिए महिलाओे का विषेश रूप से प्राथमिकता के आधार पर चयन किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा सभी जिलास्तरीय अधिकारी माह के 05 तारीख तक अर्थ एवं संख्याधिकारी को जिला योजना की मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करे। उन्होने उद्यान अधिकारी को निर्देश देते कहा कि जनपद में जो भी पाॅलीहाउस का निर्माण किया गया है, उसकी सूची सीडीओ को उपलब्ध कराए। बीएडीपी की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा वर्श 2016-17 की योजना हेतुु प्रस्ताव बनाकर उपलब्ध कराए। उन्होने कहा जो योजनाए किसी और मद से आच्छादित नही होती है, उसे बीएडीपी के अन्तर्गत प्रस्तावित किया जाए। उन्होने कहा विकास कार्य धरातल पर दिखने चाहिए। बीस सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा सभी मदो मे जनपद ‘ए’ श्रेणी में आये, इसके लिए अधिकारी अभी से कार्य योजना बनाकर कार्य करे। 
 
मुख्य विकास अधिकारी डा0 आशीष  श्रीवास्तव ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा जो धनराशि जिस कार्य के लिए स्वीकृत हुई है वो उसी कार्य में व्यय होनी चाहिए। 
ज्ञात हो वर्ष  2015-16 हेतु जिला योजना के अन्तर्गत 63.07 करोड का परिव्यय रखा गया था जिसके सापेक्ष शासन से 51.94 करोड अवमुक्त हुआ। अभी तक जिला योजना में 82 प्रतिशत धनराशि व्यय कर ली गई है।
     वर्ष  2016-17 की जिला योजना तैयार किये जाने हेतु जिलाधिकारी अक्षत गुप्ता की अध्यक्षता में एपीजे अब्दुल कलाम सभागार मे एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम आयोजत किया गया। जिलाधिकारी ने कहा अधूरे व चालू योजनाओं के कार्यो को वर्ष  2016-17 की जिला योेजना में पहली प्राथमिकता दी जाए। उन्होने कहा कुल बजट का कम से कम 19 प्रतिशत धनराशि एससीपी व 04 प्रतिशत धनराशि टीएसपी बाहुल्य क्षेत्रो के लिए हर हाल में रखी जाए। उन्होने लोनिवि के अधिकारियों को निर्देष देते हुए कहा कि दूर दराज की सडको को अधिक से अधिक ठीक करने का लक्ष्य रखा जाए। जिलाधिकारी ने जल निगम के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिन विद्यालयों में हैंडपम्प खराब हो गये है, उन्हे ठीक कराने हेतु वर्ष  2016-17 की जिला योजना में रखा जाए। उन्होने लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वर्ष  2016-17 मे आर्टिजन कूप निर्माण हेतु अभी से जगह चिन्हित कर ली जाए। 
बैठक में सीडीओ डा0 आशीष  श्रीवास्तव ने कहा षासन द्वारा जो प्रारूप निर्धारित किया गया है, उन्ही रूप पत्रों में वर्श 2016-17 की जिला योजना हेतु धनराशि की मांग की जाए। उन्होने कहा जिन अधिकारियों को रूप पत्रों की जानकारी नही है वे अर्थ एवं संख्याधिकारी से सम्पर्क स्थापित कर सकते है। उन्होने कहा जिला योजना का प्रषिक्षण इसलिए दिया जा रहा है सभी अधिकारी नियमानुसार जिला योजना के प्रारूपो को भरकर और जिला योजना से प्राप्त धनराशि से और अच्छा कार्य कर सके। उन्होने कहा जिन विभागो की पुरानी देन दारी है उसे भी रूप के माध्यम से भरकर स्पश्ट करे। उन्होने कहा सभी प्रपत्र आपस में मिलने चाहिए। उन्होने कहा किसी भी बडी योजना को पूरा करने के लिए तीन साल से अधिक का समय न लगाया जाए। उन्होने कहा जनपद को ओडीएफ (खुले मे षौच मुक्त) बनाने हेतु 25 जनवरी को अभियान चलाया जा रहा है, अभियान हेतु जिन अधिकारियो व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है उन्है कोई अवकाश स्वीकृत नही किया जायेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी ललित चन्द्र आर्य द्वारा योजनाओं का जिला सैक्टर व राज्य सैक्टर के बीच वर्गीकरण का सिद्धान्त चालू योजनाओं का अनुश्रवण/मूल्यांकन जिला नियोजन समिति के अधिकार, रूप पत्रों की जानकारी सहित अनेक जानकारियां उपलब्ध कराई गई। 
प्रशिक्षण में प्रशिक्षु आएएस मनुज गोयल, पीडी डीआरडीए बाल कृश्ण, जिला विकास अधिकारी आरसी तिवारी, सीएमओ एचके जोशी, मुख्य शिक्षा अधिकारी नीता तिवारी, मुख्य कृशि अधिकारी पीके सिंह सहित सभी जिलास्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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