रुद्रपुर 30 जनवरी - जिला पर्यटन विकास अधिकारी किशन सिंह रावत ने बताया है कि उत्तराखण्ड शासन पर्यटन अनुभाग देहरादून द्वारा उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद अधिनियम 2001 की धारा 8 की उपधारा(2) के खण्ड ’क‘ तथा ’ख‘ द्वारा प्रदत्त अधिकारों के तहत उत्तराखण्ड राज्य में पर्यटन सम्बन्धी व्यवसाय तथा संस्थानों के पंजीकरण, अनुज्ञा, मान्यता तथा इसी प्रकार के कार्य हेतु ’’उत्तराखण्ड पर्यटन एवं यात्रा व्यवसाय पंजीकरण नियमावली 2014‘‘ प्रख्यापित की गई है। उन्होंने बताया कि इस नियमावली के तहत पर्यटन एवं यात्रा व्यवसाय इकाईयों का पंजीकरण जनपदवार आॅनलाईन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जनपद में जिला पर्यटन विकास अधिकारी कार्यालय द्वारा आॅनलाईन माध्यम से कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि इस नियमावली के तहत पर्यटन इकाईयों को प्रथम चरण में पांच वर्षों के लिए पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण अवधि पूरी होने पर पुनः नवीनीकरण कराना होगा। उन्होंने बताया कि इस नियमावली के तहत पंजीकरण करवाना अनिवार्य किया गया है अन्यथा पंजीकरण न करवाने पर सम्बन्धित इकाई से रुपये 10 हजार तक आर्थिक दण्ड वसूला जायेगा। उन्होंने बताया कि सराय एक्ट के तहत पंजीकृत आवासीय इकाईयों को भी इस नियमावली के अन्तर्गत जिला पर्यटन विकास अधिकारी कार्यालय में आॅनलाईन पंजीकरण कराना होगा। उन्होंने बताया कि इस नियमावली के अन्तर्गत पर्यटन सम्बन्धी आवासीय इकाईयों में  होटल,मोटल, मार्गीय सुविधा रिजोर्ट/हेल्थ-स्पा रिजोर्ट, टाईम शेयर अपार्टमेन्ट, मोटर कारवां, अतिथि, यात्री विश्राम गृह, टेन्ट कालोनी, नेचर कैम्प, रीवर/लेक,क्रूज/हाऊस वोट्रस/पंेइग गेस्ट हाउस/बेड एंड ब्रेक फास्ट/होम स्टे/धर्मशाला/आश्रमों के अलावा खानपान सम्बन्धी रेस्ट्रा, बीयर बार/फास्ट फूड सेण्टर/फूड प्लाजा/फूड कोर्ट, ब्रेक फास्ट/भोजन ढाबों, ट्रेवल ट्रेड सम्बन्धी ईकाईयां ट्रेवल ऐजेन्ट/डोमेस्टिक टूअर आपरेटर/एक्सकर्शन ऐजेन्ट शामिल हैं। श्री रावत ने कहा है कि विस्तृत जानकारी के लिए पर्यटन विभाग की बेबसाईट  www.uttarakhandtourism.com  जिला पर्यटन विकास कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं। 
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