उत्तराखण्ड के उद्योग पर्यावरण के प्रति बहुत अधिक सचेत एवम् जागरूक रहें हे। उत्तराखण्ड को गर्व है कि केंद्रीय पर्यावरण कंट्रोल बोर्ड द्वारा जारी अंतिम चेतावनी मे उत्तराखण्ड की मात्र दो जिसमें से एक कुमाऊँ व दूसरी गढ़वाल से सरकारी उद्योगो का नाम ही है । कोइ भी निजी उद्योग नहीं है। दोनों ही सरकारी गन्ना मिले है। सबसे अधिक महाराष्ट्र में 186 उद्योग तेलंगाना में 93 उत्तर प्रदेश मे 77 , गुजरात में 39 उद्योग को अंतिम नोटिस आज भेजा गया एवम् एक सप्ताह का समय जवाब देने हेतू दिया गया। उत्तराखंड के साथ घोषित राज्य झारखंड में 86 उद्योग छत्तीसगढ़ मे २२ उद्योग को नोटिस दिये गये है सम्मतुल्य पहाड़ी राज्य हिमाचल मे दो निजी कम्पनियों को व जम्मू कश्मीर मे २०, असाम मे २२ औद्योगिक इकाइयों को नोटिस दिया गया है। उतराखंड के उघोगो ने राज्य पर्यावरण बोर्ड के सहयोग से पर्यावरण के समस्त मानकों अनुसार अपने अपने औघोगिक इकाइयों को ठीक कर लिया है जो उद्योग इन मानक को नहीं पूरा कर सके है एसे 5 उघोगो को विभाग द्वारा बन्द कर दिया गया है। राज्य पर्यावरण बोर्ड व औद्योगिक इकाइयों की यह एक बड़ी उपलब्धि है जिस को केन्द्र
सरकार व उनका निर्मल स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG Mission) सराहना कर रहा है।
राज्य सरकार, उद्योग एवं उत्तराखंड प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड इस बड़ी सफलता के
लिये प्रशंन्सा का अघिकारी है।
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