आजकल की राजनीति ने समाज को जोड़ने के बजाय तोड़ने का काम शुरू कर दिया है। आज बीजेपी के लोग हो या कांग्रेस के आम आदमी पार्टी के लोग या किसी और पार्टी के सभी एक दुसरे के दुश्मन है। जो भी ईमानदार आदमी समाज की सेवा करने के लिए किसी पार्टी से जुड़ा वह दूसरी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का दुश्मन बन गया। आज देश कस्बों और राज्यों में नहीं पार्टियों में बांटा जा रहा है। यह पार्टियां दूसरे को नीचा दिखाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। मीडिया में आने के लिए प्रोफेशनल की मदद ली जाती है। कही कोई घटना हो जाये उसे नेता लोग बड़ा बनाने के लिए देश की साख पर भी बट्टा लगाने में कोई हिचक नहीं करते । अखलाक का का मामला हो या वेमुला का नेताओं ने राजनीति करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन मुद्दो को इतना उछाला गया जैसे देश में इसके अतिरिक्त कोई मुद्दा नहीं है। ये पार्टियां कोई घटना होने से पहले किसी अल्पसंख्यक या दलित समाज के भले के लिए काम नहीं करती लेकिन कोई घटना हो जाने के बाद सभी नेता राजनीति करने आ जाते हैं। इन लोगों ने सत्ता में रहकर और विपक्ष में रहकर इन लोगो की कभी सहायता नहीं की। ऐसी राजनीति रोकने के लिए समाज को आगे आना होगा। देश के लोगों को तोड़ने वाली पार्टियों से बचाना होगा।
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