काशीपुर 16 मार्च - जिलाधिकारी अक्षत गुप्ता ने आज काशीपुर तहसील का औचक निरीक्षण किया। उन्होने तहसील स्थित ई-डिस्ट्रिक कक्ष, भू-लेख कम्प्यूटर कक्ष, भौतिक अभिलेखागार, संग्रह कक्ष, नजारत कक्ष एवं उपनिबन्धक कार्यालय आदि का क्रमवार निरीक्षण किया। उन्होने विभिन्न दस्तावेजों एवं तहसील से निर्गत किये जाने वाले प्रमाण पत्रों को बनाने की प्रक्रिया सहित तहसील में कार्यरत कर्मचारियों  की कार्यप्रणाली को जांचा तथा कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। 
 
जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री से संदर्भित लम्बित पडे मामलों पर कडी नाराजगी जाहिर की तथा तहसीलदार संजय कुमार को निर्देश दिये कि वह अपनी जिम्मेदारियों को सही से निभाते हुए सभी प्राप्त सूचनाओं/समस्याओं का समय पर निस्तारण करें ।  उन्होंने कहा कि जो भी सूचनाएं/समस्याएं कार्यालय को प्राप्त होती हैं , उनको पंजिका में अवश्य दर्ज किया जाए साथ ही निस्तारण की तिथि एवं कार्यवाही का भी स्पष्ट उल्लेख किया जाए। ई-डिस्ट्रिक कार्यालय के निरीक्षण के दौरान प्रार्थिनी अनीता व प्रार्थी अजय सिंह ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि एक महीने से अधिक का समय हो गया है तथा वे कई बार ई-डिस्ट्रिक कार्यालय के चक्कर भी लगा चुके है किन्तु उन्हें जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराये जा रहे है। इस पर जिलाधिकारी ने स्वयं कम्प्यूटर पर बनाये जा चुके प्रमाण पत्रों की सूची की जांच की, जिसमें पाया गया कि प्रमाण पत्र तो बन गये हैं  किन्तु सम्बन्धित कर्मचारियों द्वारा उनका वितरण नहीं किया गया है। इस पर जिलाधिकारी ने डाटा एंट्री  आपरेटर तारा चन्द्र जोशी को कडी फटकार लगाई तथा निर्देश दिये कि जो प्रमाण पत्र बन गये हैं , उनका समय पर वितरण किया जाए। आवेदकों से तहसील कार्यालय के चक्कर न लगवाए जाएं। उन्होने निर्देश दिये कि तहसील से निर्गत होने वाले जाति, आय आदि विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्रों से सम्बन्धित मामले लम्बित न रखे जाए। उन्होंने एसडीएम पूरन सिंह राणा को निर्देश दिये कि लम्बित मामलों के सम्बन्ध में राजस्व निरीक्षक एवं उपनिरीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा जाए। स्पष्ट कारण न बताये जाने पर सम्बन्धित के खिलाफ कडी कार्यवाही अमल में लाई जाए। संग्रह कक्ष में अस्त- व्यस्त एवं टूटे-फूटे फर्नीचर को देखकर जिलाधिकारी भड़क उठे और निर्देश दिये कि आइन्दा अस्त-व्यस्त एवं टूटा-फूटा फर्नीचर कार्यालय में न दिखाई दे। कुर्की सम्बन्धी मामलों की जांच के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि ऋण वसूली हेतु अभियान चलाकर ऋण की शत-प्रतिशत वसूली की जाए। उपनिबंधक कार्यालय के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि सतीश कुमार जिनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, उनके परिवारजनों द्वारा पाॅवर आॅफ अटार्नी हेतु कार्यवाही की जा रही है। इस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम को निर्देश दिये कि सतीश कुमार का मेडिकल चैकअप करवाने के बाद बयान लेकर ही पाॅवर आफ अटार्नी उनके परिवार के सदस्यों के नाम की जाए। उन्होंने उपनिबन्धक को सख्त हिदायत दी कि ऐसे मामलों को गम्भीरता से लिया जाए तथा ठीक से जांच करने के बाद ही कार्यवाही की जाए। 
 
तहसील निरीक्षण के उपरान्त जिलाधिकारी ने महाराणा प्रताप चैक एवं रामनगर रोड का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने एसडीएम को महाराणा प्रताप चैक की ट्रैफिक लाइट व्यवस्था ठीक करवाए जाने के साथ ही लोनिवि के अधिकारियों को चैक के चारो तरफ की सडक के डामरीकरण कराए जाने के निर्देश दिये। उन्होने रामनगर रोड पर सुलभ शौचालय बनाने के भी निर्देश दिये।
इस अवसर पर नायब नाजिर अमित वर्मा, माल मोहर्रर उषा वर्मा, कानूनगो प्रेम सिह व विजेन्द्र कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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