रुद्रपुर 18 जुलाई - जिला आपदा प्रबन्धन की बैठक कलक्ट्रेट स्थित एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में जिलाधिकारी डाॅ0 आशीष  कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिलाधिकारी ने नेशनल डिजास्टर रिस्पोन्स फोर्स (एनडीआरएफ) एवं जनपद के सभी विभागों के अधिकारियों को आपसी समन्वय बनाकर बाढ जैसी आपदा से निपटने के निर्देश  दिये। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ एवं सभी विभागों के अधिकारी अपनी-अपनी आवष्यकताओं एवं संसाधनों के बारे में एक दूसरे को विस्तार से जानकारी उपलब्ध करा दें ताकि आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्य तीव्र गति से हो सकें। जिलाधिकारी ने एनडीआरएफ को निर्देश  दिये कि वह नानकमत्ता में अपना कन्ट्रोल केन्द्र स्थापित करे, क्योंकि जनपद की तहसील सितारंगज एवं खटीमा बाढ की दृश्टि से अति संवेदनशील हैं और नानकमत्ता इन दोनों तहसीलों के बीच में स्थित है, साथ ही बाढ प्रभावित क्षेत्र भी है। उन्होंने कहा कि जनपद के नानकमत्ता क्षेत्र में एनडीआरएफ का कन्ट्रोल केन्द्र स्थापित होने से बाढ के दौरान तहसील सितारगंज एवं खटीमा में राहत एवं बचाव कार्य तीव्र गति से होगें वहीं जनपद चमावत में भी भूस्खलन व बाढ आदि आपदा के दौरान एनडीआरएफ की टीम षीघ्र सहायता हेतु पहुंच जायेगी। इस प्रकार एनडीआरएफ की सेवाओं का दोनों जनपद फायदा ले सकेगें। जिलाधिकारी ने एनडीआरएफ के जवानों से कहा कि वे सिंचाई विभाग के अधिकारियों से जनपद के अतिसंवेदनषील/संवेदनशील बाढ क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें ताकि आपदा के दौरान सम्बन्धित स्थान पर शीघ्र पहुंचा जा सके। उन्होंने जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी अनिल षर्मा को निर्देष दिये कि पीआरडी जवानों, फायर टीम एवं युवक मंगल दल के युवकों को भी एनडीआरएफ के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाय ताकि आपदा के समय इनका भी सहयोग लिया जा सके। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सितारगंज व खटीमा को निर्देष देते हुए कहा कि वे अपने-अपने तहसीलों के सम्भावित बाढ प्रभावित क्षेत्रों की सूची तैयार कर एनडीआरएफ को उपलब्ध करायें  ताकि वे इन क्षेत्रों में जाकर लोगों को जागरुक करने के साथ ही आपदा से पहले, आपदा के समय व आपदा के बाद किये जाने वाले सुरक्षा कार्याें की जानकारी उपलब्ध करा सकें। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान प्रत्येक विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्याें की सूचना आपदा प्रबन्धन कार्यालय को प्रतिदिन दी जाये। उन्होंने जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी डाॅ0 अनिल षर्मा को निर्देष दिये कि जनपद के सभी महत्वपूर्ण दूरभाष  नम्बरों की सूची सहित अतिसंवेदनषील/संवेदनशील क्षेत्रों के मानचित्र एनडीआरएफ की टीम को उपलब्ध करा दिये जाये। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देष दिये कि सभी अधिकारियों व पुलिस  वाह्नों में प्राथमिक उपचार के किट रखें जायें। 

एनडीआरएफ के टीम कमाण्डर मेघराज द्वारा पावर प्रजेन्टेषन के माध्यम से एनडीआरएफ  द्वारा किये जाने वाले कार्याें की जानकारी उपलब्ध कराई गई। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की कुल 12 बटालियन हैं और प्रत्येक बटालियन में 18 टीमें हैं। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की टीम 24 घण्टे अलर्ट रहती है तथा किसी भी प्रकार की प्राकृतिक एवं अप्राकृतिक आपदा की सूचना मिलने पर तुरन्त ही सहायता हेतु पहूँचती है। उन्होंने कहा कि टीम के पास राहत एवं बचाव कार्य सम्बन्धी सभी संसाधन उपलब्ध है। उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से टीम के पास उपलब्ध सुरक्षा उपकरणों की जानकारी सहित आपदा से पूर्व, आपदा के दौरान एवं आपदा के बाद किये जाने वाले सुरक्षा एवं बचाव कार्याें की भी विस्तार से जानकारी दी। 
बैठक में एडीएम दीप्ति वैष्य व रवनीत चीमा, एनडीआरएफ से एएसआई तारा चन्द व शेर सिंह, एएसपी पंकज भट्ट, प्रभारी अधिकारी कलक्ट्रेट चन्द्र सिंह इमलाल, उपजिलाधिकारी एपी वाजपेयी,ऋचा सिंह, एचएस मदौलिया, पूरन सिंह राणा व दयानन्द सरस्वती, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी डाॅ0 अनिल शर्मा, सीएओ एचके जोशी , फायर आफिसर हरीश  गिरी, ईई सिचाई संजय राज, ईई जल तरुण शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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