रूद्रपुर 11 अगस्त - विकास भवन स्थित शहीद उधमसिंह सभागार में आयोजित किसान बन्धु बैठक व पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित ’’हमारी चैपाल‘‘ कार्यक्रम अपर जिलाधिकारी रवनीत चीमा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए। सर्वप्रथम पशुपालन विभाग के तत्वाधान में ‘‘हमारी चैपाल’’ का आायेजन हुआ जिसमें पंतनगर विष्वविद्याालय से आये सहायक प्राध्यापक पशुचिकित्सा डाॅ0 विद्यासागर सिंह व डाॅ0 एके उपाध्याय द्वारा किसानों को पशुपालन व्यवसाय की सफलता के टिप्स देने के साथ ही दुधारु पशुओं में होने वाले थनैला रोग के लक्षण व उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इसके अलावा बैठक में किसानों ने अपनी समस्याओं को भी अधिकारियों के समक्ष रखा जिनका अपर जिलाधिकारी द्वारा समाधान किया गया। 

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी सुश्री चीमा ने अधिकारियों को निर्देष दिये कि किसानों द्वारा जो भी समस्याएं रखी जाती हैं उनका त्वरित गति से निदान किया जाय। उन्होंने कहा कि किसान इस जनपद की रीढ हैं, कयोंकि यह जनपद कृषि  प्रधान जनपद है और किसानों के विकास से ही इस जनपद का विकास जुडा है। यदि किसान ही परेशान रहेगा तो जनपद का विकास कैसे होगा। किसानों ने अपर जिलाधिकारी को अवगत कराया कि लम्बे समय से आवेदन किये जाने पर भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं निकाला जा रहा है। इस पर अपर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देष दिये कि सभी अधिकारी प्राप्त आवेदनों का समय पर निस्तारण करें। उच्च स्तर से हल होने वाली समस्याओं को अपने उच्चाधिकारियों को प्रेशित कर निष्चिन्त होकर न बैठें अपितु उच्च स्तर से होने वाली कार्यवाही का भी संज्ञान लेते रहें। बैठक में क्षेत्रीय किसानों द्वारा दिनेशपुर रोड के किनारे बनी नालियों की ऊंचाई के स्तर को सडक व खेत के लेबल के बराबर करने की मांग की गई ताकि खेतों व सडकों में भरे पानी की उचित निकासी हो सके। इसके अलावा किसानों द्वारा छतरपुर से लेकर बिन्दुखेडा तक रोड निर्माण, बाढ से हुए फसल नुकसान का मुआवजा, ग्रामीण क्षेत्रों में सडकों के गडढे भरान, निर्मित सडकों के षीघ्र ही टूट जाने पर उनकी जांच कराये जाने आदि मुद्दे उठाये गये। किसानों ने यह मुद्दा भी उठाया कि षासनादेष जारी होने के बाद भी उन्हेें वर्ग चार की भूमि पर भूमिधरी अधिकार नहीं दिया जा रहा है। इस पर अपर जिलाधिकारी ने किसानों को आष्वासन दिया कि जो मामला शासन स्तर का है उसका समाधान शासन स्तर से ही होगा किन्तु यदि नियमानुसार आवेदन होने पर भी कोई मामला जिला प्रशासन स्तर पर रुका हुआ है तो उसकी जांच करवाई जायेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि कोई किसान उनके क्षेत्र में निर्मित सडक, नाला व पुल निर्माण आदि कार्याें की जांच करवाना चाहता है तो वे जांच हेतु प्रार्थना पत्र लिखकर दें।
    इससे पूर्व हमारी चैपाल कार्यक्रम में पंतनगर के वैज्ञानिक डाॅ0 विद्यासागर सिंह द्वारा किसानों को पषुपालन व्यवसाय की सफलता के टिप्स बताये गये। उन्होंने कहा कि पषुपालन व्यवसाय की सफलता के लिए पषुपालन का सही ज्ञान होना बेहद जरुरी है। उन्होंने कहा कि पषुपालन व्यवसाय की सफलता के लिए 05 कुंजियां जरुरी हैं जिनमें उत्तम नस्ल के पशु का चुनाव, संतुलित आहार, प्रबन्धन, रोगों से रोकथाम एवं टीकाकरण व विपणन शामिल हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ0 रविन्द्र चन्द्रा द्वारा किसानों को विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई। काषीपुर स्थित सोनाफार्म के संचालक किसान सुमित लखोटिया ने अपने अनुभवों को साझा किया।
  इस अवसर पर पीडी बालकृश्ण, डीडीओ आरसी तिवारी, मुख्य कृषि  अधिकारी पीके सिंह, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी रविन्द्र चन्द्रा, कृषि  रक्षा अधिकारी विधि उपाध्याय, ईई लोनिवि बीसी पंत, अशोक कुमार व केसी पंत, ईई सिचाई संजय राज, एसके बसलियाल व आरएस आर्य, निदेषक डेरी बृजेष सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व किसान हरलोक सिंह, मंगल सिंह, त्रिलोचन सिंह, सुखदेव सिंह, सतवंत सिंह, गुरदयाल सिंह, कृश्ण कुमार षर्मा, जगदीष सिंह व जोगेन्द्र पाल आदि उपस्थित थे।  

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