रुद्रपुर 21 नवम्बर - जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के तत्वाधान में ’’ आपदा से निपटने के लिए त्वरित गति से प्रतिक्रिया व्यवस्था’’ विषय पर कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ जिलाधिकारी चन्द्रेश कुमार की अध्यक्षता में हुआ। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए जनपद में सेवन डेस्क सिस्टम की व्यवस्था की गई है जिसके अन्तर्गत विभिन्न विभागों के अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई हैं। उन्होंने कहा कि आपदा कि दौरान अधिकारियों की क्या-क्या जिम्मेदारियां बनती है और उन्हें किस प्रकार से आपसी समन्वय बनाकर तीव्र गति से राहत एंव बचाव कार्य करने चाहिये आदि के बारे में विषेशज्ञों द्वारा विस्तार से जानकारी दी जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे इस कार्यषाला के माध्यम से आपदा के दौरान की जाने वाली त्वरित कार्यवाही के बारे में विस्तार से जाने ताकि आपदा से होने वाली मानवीय व अन्य प्रकार की क्षति को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि हम आपदाओं से निपटने के लिए पहले से तैयार रहेगें तो निष्चित रुप से प्राकृतिक या अन्य आपदाओं के समय अधिक से अधिक लोगों को बचा सकेगें व अन्य सम्पत्ति के नुकसान को भी कम करने में सफल होगें। जिलाधिकारी ने बताया कि हम आपदाओं से निपटने के लिए कितने तैयार है यह जानने के लिए कार्यषाला के अन्तिम दिवस में माॅक ड्रिल का भी आयोजन किया जायेगा। 
 
   कार्यषाला में आज राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के विषेशज्ञ बीबी गणनायक ने आपदा के दौरान तीव्र गति से प्रतिक्रया एवं आपसी समन्वय को आवष्यक बताया। उन्होंने कहा कि आपदा के समय शुरु के चार घण्टों में किये गये राहत एवं बचाव कार्य अधिक महत्पपूर्ण होते हैं क्योंकि इस दौरान कई जिन्दगियों को बचाया जा सकता है। श्री गणनायक ने कहा कि दूसरे प्रदेशों से आने वाली राहत टीम के मार्गर्दशन हेतु सुपरवाजर नियुक्त किये जाने चाहिए ताकि बाहर से पहूँची टीम से सही प्रकार कार्य लिया जा सके व अन्य प्रदेशों से पहुंचने वाला खाद्यान्न व अन्य सामग्री सही समय पर सही स्थान पर पहुंच सके। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें इस बात की भी जानकारी रहनी चाहिये कि हमें आपदा के समय किस प्रकार के उपकरणों व सामग्री की आवष्यकता है। अनावष्यक वस्तुओं का भण्डारण नहीं करना चाहिये। उन्होंने कहा कि मीडिया के साथ भी समन्वय बनाकर रखना चाहिए ताकि लोगों को आपदा के समय सही जानकारी उपलब्ध हो सके। उन्होंने आपदा के लिए प्रतिक्रिया व्यवस्था, तीव्र गति से प्रतिक्रिया का महत्व, सूचना प्रेशण का महत्व, समय की बचत, संसाधनों के प्रबन्धन, दूसरे प्रदेषों अथवा देषों से पहूँचने वाली ऐजेन्सियों से किस प्रकार सहयोग लिया जाय, दुर्घटना प्रतिक्रिया योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। 
 
  कार्यषाला में अपर जिलाधिकारी प्रताप सिंह षाह, जिला विकास अधिकारी अजय सिंह, उप जिलाधिकारी अनिल शुक्ला, पूरन सिंह राणा, युक्ता मिश्र, नरेश दुर्गापाल, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी अनिल शर्मा, एसीएमओ एसएस दुग्ताल, मुख्य शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह, सीएफओ एनएस कुषवाह, एफएसओ हरीश गिरी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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