420 बाबाओं के मोह जाल मे फ़सते –लुटते अंध लोग........ 
जहां शून्य से लेकर वेद , उपनिषद , ग्रन्थ रचे गये और जिसके आधार को लेकर बड़ी –बड़ी खोज दुनिया कर चुकी हो। लेकिन दुर्भाग्यवश हमारा भारत आज भी रूडीवादिता , ढोंग , अंध श्रदा से इतना ग्रस्त हो चुका है कि आज हमे जिन ऊचाईयों पर होना चाहिय था, उससे काफी निचले पायदान पर सिसक –सिसक कर खिसक रहे है | अर्थवयवस्था हो ,रक्षा क्षेत्र हो , शिक्षा हो , सामाजिक उत्थान हो सभी मे हालात चुनोतिपूर्ण बनी हुई है , इसके बाबजूद हमारे देश के लोग कर्म प्रधान को छोड़ ढोगीबाबाओं , संतो , झूठे प्रवचन और कथा वाचकों के मोहजाल में फसते नजर आते हैं, अभी ताजा प्रकरण लीजिये किस प्रकार हरियाणा में ढोंगी बाबा रामपाल और इससे पहले चरित्र हीन आशा राम व उसके बेटे को पुलिस ने जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाया, जो आज तक जेल की हवा खा रहे हैं, धर्म के नाम पर आडम्बर, पाखंड का सहारा लेकर ऐसे बाबाओं संतों ने अंध श्रद्धा में भ्रमित लोगों को किस तरह कितनी बार शोषण किया, हजारों लाखों लोगो की ऐसे बाबाओं संतों के प्रति आस्था हमेशा दुखद ही रही है, यौन शोषण बलात्कार के आरोप लग जाने के बाद और असमान पर उड़ने वाला आशाराम जेल की बंद कोठरी में कैद है परन्तु अंध समर्थक आज भी मानने को तैयार  नहीं, इसी प्रकार फर्जी कब्रें बनाकर मजार के तौर पर प्रचारित कर उस पर चादर डाल लोगों को अफवाह फैलाकर भ्रमित किया जाता है, मंदिर हो या मजार कुकुरमुत्ते की तरह नित नए पैदा हो रहे हैं जिस पर सरकार को सख्त लाने की जरुरत हैं, मंदिर मठों में चढ़ावे को सरकार अपनी निगरानी में इस पैसे को इन्फ्रास्ट्रक्चर में लगाए तथा आशा राम, रामपाल, निर्मल बाबा जैसे तथा कथित लोगों द्वारा भ्रमित करने वालों को सबक सिखाये। आज हमारे देश में अच्छी शिक्षा के मंदिरों की जरुरत है, जहाँ गरीब बच्चे को भी विश्व स्तर की शिक्षा मिल सके।