"यह धरा मेरी यह गगन मेरा,
इसके वास्ते शरीर का कण-कण मेरा"
                                                                                                                
इन पंक्तियों को चरितार्थ करने वाले महान क्रांतिकारी  वीर सावरकर की 26 फरवरी को पुण्यतिथि है।लेकिन  लगता नहीं देश के नीति-निर्माता या मीडिया इस महान आत्मा को श्रद्धांजलि देने की रस्म अदा करेंगे। लेकिन चलिए हम तो उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने का प्रयास करें।  भारतभूमि को स्वतंत्र कराने में जाने कितने ही लोगों ने अपने जीवन को न्योछावर किया था।  लेकिन उनमें से कितने लोगों को शायद हम इतिहास के पन्नों में ही दफ़न रहने देना चाहते हैं। इन महान आत्माओं में से ही एक थे विनायक दामोदर सावरकर। जिनकी पुण्य तिथि के अवसर आज हम  उनको शत-शत नमन करते  हैं । 
                  क्रांतिकारियों के मुकुटमणि और हिंदुत्व के प्रणेता वीर सावरकर का जन्म 26  मई, सन 1983  को नासिक जिले के भगूर ग्राम में हुआ था।  इनके पिता श्री दामोदर सावरकर एवं माता राधाबाई दोनों ही धार्मिक और हिंदुत्व विचारों के थे।  जिसका विनायक दामोदर के जीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा। छात्र जीवन के समय में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों से वीर सावरकर ने मातृभूमि को स्वतंत्र कराने की प्रेरणा ली। सावरकर ने दुर्गा की प्रतिमा के समय यह प्रतिज्ञा ली कि-
 ''देश कि स्वाधीनता के लिए अंतिम क्षण तक सशस्त्र क्रांति का झंडा लेकर जूझता रहूँगा.''
   
          स्वातंत्र्य वीर सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता थे। उन्होंने कहा था कि जब तक हिन्दू नहीं जागेगा तब तक भारत कि आजादी संभव नहीं है।  हिन्दू जाति को एक करने के लिए उन्होंने अपना समस्त जीवन लगा दिया. समाज में व्याप्त जातिप्रथा जैसी बुराइओं से लड़ने में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया. 
         वे हिन्दू महासभा के कई वर्षों तक अध्यक्ष भी रहे थे. उनकी मृत्यु 26  फरवरी,1966  को 22  दिनों के उपवास के पश्चात हुई।  वे मृत्यु से पूर्व भारत सरकार द्वारा ताशकंद समझौते में युद्ध में जीती हुई भूमि पकिस्तान को दिए जाने से अत्यंत दुखी थे।  इसी दुखी मन से ही उन्होंने संसार को विदा कह दिया। और क्रांतिकारियों की दुनिया से वह सेनानी चला गया. लेकिन उनकी प्रेरणा आज भी हमारे जेहन में अवश्य होनी चाहिए केवल इतने के लिए मेरा यह प्रयास था कि उनके पुण्यतिथि पर उनके आदर्शों से प्रेरणा ली जाये। स्वातंत्र्य वीर सावरकर को उनकी पुण्य तिथि पर उनको शत-शत नमन... 
स्रोत - http://raktranjit.blogspot.in
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